वॉशिंगटन,19 मार्च (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण फोन वार्ता हुई। यह बातचीत डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं साझा की,जिसमें उन्होंने बताया कि यह वार्ता बहुत अच्छी और उत्पादक रही। ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने ऊर्जा और बुनियादी ढाँचे पर तत्काल युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जताई। इसके तहत,दोनों देशों ने पूरी तरह से युद्धविराम लागू करने और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में तेजी से काम करने की बात की। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा, “यदि मैं राष्ट्रपति होता,तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।”
ट्रंप के अनुसार,शांति समझौते पर कई महत्वपूर्ण तत्वों पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में अब तक हजारों सैनिकों की जान जा चुकी है और दोनों नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि वे इस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह पूरी ताकत से इस प्रक्रिया को लागू करेंगे और उम्मीद जताई कि यह युद्ध मानवता के हित में समाप्त हो।
इस वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति के बीच शांति प्रक्रिया को लेकर गंभीर चर्चा हुई। ट्रंप ने कहा कि युद्धविराम समझौते के तहत,दोनों देशों के मध्य पूरी तरह से संघर्ष विराम किया जाएगा और दोनों पक्ष इस संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में कार्य करेंगे। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि शांति प्रक्रिया में रूस और यूक्रेन दोनों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक फोन पर बातचीत हुई। व्हाइट हाउस ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि यह बातचीत अच्छी चल रही है। हालाँकि,व्हाइट हाउस ने कॉल के विवरण को बाद में जारी किए जाने की बात बताई।
कीव ने पहले से ही युद्धविराम योजना को अपनी स्वीकृति दे दी थी। पुतिन ने इस समझौते का सैद्धांतिक रूप से समर्थन किया है,लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं। इनमें मुख्य शर्त यह है कि यूक्रेन युद्धविराम का इस्तेमाल अपने सैनिकों को इकट्ठा करने,प्रशिक्षित करने या सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए नहीं करेगा। यह शर्त रूस के लिए महत्वपूर्ण थी,क्योंकि वह नहीं चाहता था कि युद्धविराम का उल्लंघन हो और यह शांति प्रक्रिया को कमजोर कर दे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार रात को अपने फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो निवास से वाशिंगटन डी.सी. वापस जाते समय इस फोन कॉल की योजना का खुलासा किया। यह कॉल पुतिन और ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत,स्टीव विटकॉफ के बीच मॉस्को में हुई बातचीत के बाद की गई थी। विटकॉफ ने बताया था कि यह बैठक तीन से चार घंटे तक चली थी,जिसमें शांति प्रक्रिया को लेकर गंभीर विचार-विमर्श किया गया था।
इस बीच,रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति और उसके प्रभाव को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंताएँ बढ़ी हैं। इस युद्ध के चलते लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों नागरिकों की जानें जा चुकी हैं। युद्धविराम की पहल से उम्मीद की जा रही है कि यह संघर्ष धीरे-धीरे समाप्त हो सकता है और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हो सकती है। हालाँकि,इस युद्धविराम की सफलता का निर्धारण केवल समय ही करेगा,क्योंकि युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच गहरे विवाद और तनाव उत्पन्न हुए हैं।
ट्रंप का कहना है कि यदि वह राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध कभी नहीं होता। उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि वह शांति प्रक्रिया को अपनी प्राथमिकता मानते हैं और इस संघर्ष को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। साथ ही,उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया पूरी ताकत से लागू की जाएगी,ताकि युद्ध समाप्त हो सके और मानवता के हित में शांति स्थापित हो।
राष्ट्रपति ट्रंप की इस पहल से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका इस संकट को सुलझाने में सक्रिय रूप से शामिल हो सकता है। हालाँकि,यह भी देखा जाएगा कि रूस और यूक्रेन इस समझौते को किस हद तक स्वीकार करते हैं और क्या यह संघर्ष वाकई में समाप्त हो पाता है या नहीं।