नई दिल्ली,21 अप्रैल (युआईटीवी)- अमेरिका और भारत के बीच संबंधों की नई परिभाषा लिखने के उद्देश्य से,अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर 21 अप्रैल को नई दिल्ली पहुँचे। 21अप्रैल से 24 अप्रैल तक अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह दौरा न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम है,बल्कि सांस्कृतिक और पारिवारिक जुड़ाव का भी प्रतीक बनकर सामने आया है।
सोमवार सुबह ठीक 9:45 बजे,जेडी वेंस का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। उनके साथ उनकी पत्नी उषा वेंस,बच्चे इवान,विवेक और मीराबेल तथा अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी भारत आए हैं। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका स्वागत किया। इस दौरान वेंस को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया,जिससे इस दौरे के महत्व का स्पष्ट संकेत मिला।
एयरपोर्ट पर भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने के लिए खास कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। कलाकारों ने पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया,जिसे उपराष्ट्रपति वेंस और उनका परिवार बेहद रुचि से देखता नजर आया। खास बात यह रही कि वेंस के तीनों बच्चे भारतीय पारंपरिक परिधान में थे,जिससे भारत के प्रति उनके सम्मान और अपनत्व का भाव झलकता है।
एयरपोर्ट से वेंस सीधे अक्षरधाम मंदिर गए,जहाँ उन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता और वास्तुकला की भव्यता को नजदीक से अनुभव किया। यह दौरा केवल राजनीतिक नहीं,बल्कि सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम है।
इस ऐतिहासिक यात्रा की सबसे अहम कड़ी रही शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जेडी वेंस की मुलाकात। यह बैठक 7,लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई। गौरतलब है कि इससे पहले दोनों नेताओं की पहली मुलाकात फरवरी 2025 में पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
बैठक में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते,रणनीतिक साझेदारी और प्रौद्योगिकी सहयोग जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हुए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति वेंस विदेश मंत्री एस जयशंकर,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल,विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य है दोनों देशों के बीच रक्षा,व्यापार,डिजिटल तकनीक और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना।
यह यात्रा इसलिए भी विशेष है,क्योंकि पिछले 13 वर्षों में किसी भी मौजूदा अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भारत का दौरा नहीं किया था। इससे पहले फरवरी 2013 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडन भारत आए थे। इस लिहाज से वेंस की यह यात्रा राजनयिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक मानी जा रही है।
भारत और अमेरिका दोनों ही देश वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में लोकतंत्र,आर्थिक प्रगति और तकनीकी विकास के प्रमुख स्तंभ हैं। जेडी वेंस की यह यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास,मित्रता और साझेदारी को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का संकेत देती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरे से मुक्त व्यापार समझौते,साइबर सुरक्षा,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को लेकर ठोस प्रगति हो सकती है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की यह भारत यात्रा एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान, राजनीतिक संवाद और रणनीतिक सहयोग का समागम है। उनके स्वागत से लेकर मुलाकातों तक,हर पहलु यह दर्शाता है कि भारत-अमेरिका संबंध अब केवल द्विपक्षीय नहीं,बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में नई दिशा ले रहे हैं।
यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को 21वीं सदी की वैश्विक साझेदारी में तब्दील करने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हो सकती है।