राजकोट, 20 सितम्बर (यूआईटीवी/आईएएनएस)| गुजरात के राजकोट शहर में एटीएम से नकदी चोरी के मामले में पूछताछ के कुछ दिनों बाद सिक्योर वैल्यू एजेंसी के एक कर्मचारी ने अपने घर पर ही आत्महत्या कर ली।
सिक्योर वैल्यू एजेंसी के पास बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम में कैश भरने का ठेका है।
पिछले हफ्ते, जयपुरी और दो अन्य स्टाफ सदस्यों ने एटीएम में 25 लाख रुपये भरे थे। 15 सितंबर को बैंक को पता चला कि एटीएम से 17 लाख रुपये चोरी हो गए हैं और उसके मुख्य प्रबंधक पिंटू मीसा ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है।
सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पुलिस ने देखा कि एक नकाबपोश व्यक्ति ने कोड नंबर का इस्तेमाल कर एटीएम खोला और नकदी चुरा ली। चूंकि एटीएम कोड नंबर केवल जयपुरी गोस्वामी और दो अन्य कर्मचारियों मयूरसिंह जाला और मयूर बगड़ा के पास था, इसलिए पुलिस ने पूछताछ के लिए जयपुर बुलाया।
जयपुरी की मां रीनाबेन गोस्वामी ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने पुलिस की प्रताड़ना के कारण सोमवार रात आत्महत्या कर ली।
उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया कि उनका पति जयपुरी के साथ जसदान थाने गया, जहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिस ने उसे पीटा और प्रताड़ित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को यह बताने के बावजूद कि उसकी केवल एक किडनी है और हाल ही में उसकी सर्जरी हुई है, उसे प्रताड़ित किया गया।
रीनाबेन 16 सितंबर को जसदान थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
पुलिस निरीक्षक पी ए जाला ने पुलिस प्रताड़ना के आरोपों का खंडन करते हुए जयपुरी के पोस्टमॉर्टम का हवाला दिया है जिसमें कोई यातना नहीं होने की पुष्टि हुई है।