मुंबई, 1 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| अभिनेता आयुष्मान खुराना वर्जित विषयों से निपटने वाली फिल्मों में अभिनय करने से कभी नहीं कतराते हैं। उनका कहना है कि ‘विक्की डोनर’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी उनकी फिल्मों की सफलता जिसमें उन्होंने एक शुक्राणु दाता और स्तंभन दोष वाले व्यक्ति की भूमिका निभाई, उसने उनके इस विश्वास को बहाल कर दिया कि भारत में लोग वर्जित विषयों पर चर्चा करना चाहते हैं। आर.एस. प्रसन्ना, ‘शुभ मंगल सावधान’ चार साल पहले आज ही के दिन रिलीज हुई थी। फिल्म ने मुदित नाम के एक शमीर्ले लड़के के बारे में बात की, जिसे अपनी शादी से पहले पता चलता है कि वह इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित है।
आयुष्मान ने कहा कि मैंने बॉलीवुड में ‘विकी डोनर’ में शुक्राणु दान के एक साहसिक वर्जित विषय के साथ शुरूआत की थी। शूजीत दा को इसके लिए धन्यवाद। इसने फिल्म ने मुझे दिखाया कि दर्शक कैसे बदल रहे है और उन विषयों को स्वीकार कर रहे है जो विघटनकारी थे।
कंटेंट सिनेमा के पोस्टर बॉय कहे जाने वाले अभिनेता ने कहा कि शुभ मंगल सावधान’ के साथ, मैं आनंद एल राय और आरएस प्रसन्ना के साथ इस क्षेत्र में लौट आया। उनकी प्रतिभा इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे विषय को संवेदनशील रूप से दिखाने में थी। दर्शकों को शामिल करने के लिए इसे मनोरंजक और बेहद स्वादिष्ट बनाना हम सवके लिए जरूरी था।
यह फिल्मों की सफलता थी जिसने आयुष्मान को यकीन दिलाया कि दर्शक इन विषयों पर बात करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘विक्की डोनर’ के बाद, ‘शुभ मंगल सावधान’ ने मेरा यह विश्वास और मजबूत कर दिया कि भारत के लोग वर्जित विषयों पर खुलकर चर्चा करना चाहते हैं और अपने तरीके से समाज की भलाई के लिए उन्हें संबोधित करना चाहते हैं।
36 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि फिल्म की सफलता ने उन्हें पाठ्यक्रम पर बने रहने और इस तरह के और विषयों को कोठरी से बाहर और मुख्यधारा के सिनेमा में लाने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया है।
“मैंने महसूस किया कि इन बातों पर चर्चा करना आवश्यक है।”
आयुष्मान अपने करियर की दिशा बदलने का श्रेय ‘शुभ मंगल सावधान’ को देते हैं।
उन्होंने कहा कि शुभ मंगल सावधान’ ने मुझे अपनी अगली फिल्मों को चुनने और इसके पीछे अपना सारा विश्वास रखने का साहस दिया।
उन्होंने कहा, “मैं इस फिल्म से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे एक कलाकार बनने के लिए सशक्त बनाया। मैं अपनी अगली कुछ फिल्मों जैसे ‘अनेक’, ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ और ‘डॉक्टर जी’ के माध्यम से बस यही करना चाहता हूं।”