मुशफिकुर रहीम (तस्वीर क्रेडिट@ImTanujSingh)

बांग्‍लादेश के अनुभवी बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने वनडे से संन्यास का किया ऐलान

ढाका,6 मार्च (युआईटीवी)- बांग्‍लादेश के सबसे अनुभवी क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक मुशफिकुर रहीम ने वनडे क्रिकेट से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्‍होंने इस बारे में अपनी जानकारी फेसबुक पेज के जरिए दी। मुशफिकुर बांग्‍लादेश के लिए वनडे में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्‍लेबाज रहे हैं और उनकी यह घोषणा बांग्‍लादेश क्रिकेट की एक नई दिशा का संकेत देती है।

मुशफिकुर ने बांग्‍लादेश के लिए कुल 274 वनडे मैचों में 36.42 की औसत से 7795 रन बनाए,जिसमें नौ शतक और 49 अर्धशतक शामिल थे। वह बांग्‍लादेश के उन पाँच विकेटकीपरों में से हैं,जिन्‍होंने 250 से अधिक वनडे मैच खेले हैं। इसके साथ ही, उन्‍होंने बतौर विकेटकीपर सात शतक भी लगाए,जो की एक असाधारण उपलब्धि है। इस मामले में वह सिर्फ कुमार संगकारा,एडम गिलक्रिस्‍ट और एमएस धोनी से पीछे हैं। उनके योगदान ने बांग्‍लादेश को वनडे क्रिकेट में एक नई पहचान दिलाई और वह बांग्‍लादेश क्रिकेट के एक प्रमुख खिलाड़ी बने।

हालाँकि,हाल के समय में मुशफिकुर की फॉर्म चिंता का कारण रही है। चैंपियंस ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन काफी संघर्षपूर्ण रहा,जिसमें वह भारत के खिलाफ गोल्‍डन डक पर आउट हुए और न्‍यूजीलैंड के खिलाफ केवल दो रन ही बना पाए। उनका आखिरी वनडे अर्धशतक पिछले साल मार्च में श्रीलंका के खिलाफ आया था। इसके बाद,वह चोटिल हो गए थे और नवंबर में अफगानिस्तान के खिलाफ दो वनडे और दिसंबर में वेस्‍टइंडीज के दौरे का हिस्‍सा नहीं बन सके थे।

मुशफिकुर ने अपने संन्‍यास के बारे में अपने आधिकार‍िक फेसबुक पेज पर लिखा , “आज मैं वनडे प्रारूप से अपने संन्‍यास की घोषणा कर रहा हूँ। सभी चीजों के लिए अलहमदुलिल्‍लाह। हो सकता है कि हमारी सफलता विश्‍व स्‍तर पर सीमित हो। मैं जब भी अपने देश के लिए मैदान पर उतरा,मैंने पूरी लगन और सच्‍चाई से अपना 100 प्रतिशत से अधिक दिया। मेरे लिए पिछला कुछ सप्‍ताह चुनौतीपूर्ण रहा है और मैंने महसूस किया कि यही मेरी तकदीर है।” उन्‍होंने अपने परिवार,दोस्‍तों और प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया,जिनकी वजह से और जिनके लिए वह पिछले 19 वर्षों से क्रिकेट खेल रहे थे।

मुशफिकुर रहीम का करियर बांग्‍लादेश क्रिकेट के लिए एक सुनहरा अध्याय रहा है। उन्‍होंने 2007 में अपना पहला वनडे मैच खेला,जब उन्‍हें अनुभवी खालिद मसूद की जगह टीम में शामिल किया गया था। उन्‍होंने त्रिनिदाद में भारत के खिलाफ प्रसिद्ध जीत में अर्धशतक लगाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया। इसके बाद,वह बांग्‍लादेश के मध्‍यक्रम की रीढ़ बन गए और जल्‍दी ही बांग्‍लादेश क्रिकेट टीम का अहम हिस्‍सा बन गए।

मुशफिकुर रहीम का करियर उतार-चढ़ाव से भरा हुआ था,लेकिन वह हमेशा टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्‍ठ देने में सक्षम रहे। 2008 में थोड़े समय के लिए उनकी जगह पर संकट आया था,लेकिन उन्‍होंने इसके बाद लगातार बांग्‍लादेश टीम के लिए योगदान दिया। वह 2010 से 2016 तक लगातार 92 वनडे मैच खेले,जो बांग्‍लादेश क्रिकेट के लिए एक रिकॉर्ड है। उन्‍होंने 2022 में टी20 क्रिकेट से भी संन्‍यास ले लिया था और अब वनडे क्रिकेट से अपनी विदाई की घोषणा की है।

उनके संन्‍यास के बाद,बांग्‍लादेश क्रिकेट टीम को एक महान खिलाड़ी की कमी महसूस होगी। मुशफिकुर ने 94 टेस्‍ट मैचों में भी बांग्‍लादेश के लिए योगदान दिया है और वह टेस्‍ट क्रिकेट में 100 मैच खेलने वाले पहले बांग्‍लादेशी खिलाड़ी बनने से सिर्फ कुछ कदम दूर हैं। उन्‍होंने अपने पूरे करियर में बांग्‍लादेश क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में योगदान दिया है।

मुशफिकुर रहीम की विदाई एक युग का समाप्‍त होना है,लेकिन उनका योगदान बांग्‍लादेश क्रिकेट में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्‍होंने न सिर्फ अपने खेल से बल्कि अपनी प्रतिबद्धता और लगन से बांग्‍लादेश क्रिकेट को एक नई पहचान दिलाई। बांग्‍लादेश क्रिकेट में उन्‍हें एक महान खिलाड़ी के रूप में हमेशा सम्‍मानित किया जाएगा और उनकी इस विदाई से क्रिकेट प्रेमियों को बड़ी कमी महसूस होगी।