बेंगलुरु, 26 सितंबर (युआईटीवी)- महालक्ष्मी की जघन्य हत्या की जाँच कर रही बेंगलुरु पुलिस ने खुलासा किया है कि उसके सहकर्मी और कथित प्रेमी मुक्तिरंजन रॉय ने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी और एक्सल ब्लेड का उपयोग करके उसके शरीर को 59 टुकड़ों में तोड़ दिया।
एक मॉल में महालक्ष्मी के टीम लीडर रॉय ने कथित तौर पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी,उसके शरीर को बाथरूम में खींच लिया और उसके टुकड़े-टुकड़े करने का भयानक कृत्य किया। बाद में,उसने सावधानीपूर्वक शरीर के कटे हुए हिस्सों को रेफ्रिजरेटर में भर दिया और किसी भी सबूत को मिटाने के प्रयास में बाथरूम को एसिड से साफ कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार,संदेह से बचने के लिए,उसने घर की सफाई भी की ताकि ऐसा लगे कि कुछ भी असामान्य नहीं हुआ है।
अपनी डायरी में मिले एक सुसाइड नोट में,रॉय ने क्रूर अपराध कबूल करते हुए बताया कि वह महालक्ष्मी के व्यवहार से तंग आ गया था। उन्होंने लिखा, ”मैंने 3 सितंबर को अपनी प्रेमिका महालक्ष्मी की हत्या कर दी है। मैं उसके आचरण से निराश था। हमने व्यक्तिगत मामलों पर बहस की और उसने मुझ पर हमला किया। रॉय के नोट में कहा गया है कि गुस्से में आकर मैंने उसे मार डाला ।”
बाद में रॉय को ओडिशा के भद्रक जिले के पंडी गाँव में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया। जब वह दोपहिया वाहन पर गाँव पहुँचा और एक सुदूर इलाके में गायब हो गया,तो स्थानीय लोगों ने उसका शव देखा।
पुलिस सूत्रों से पता चला कि रॉय 1 सितंबर से काम से गायब थी, जिस दिन महालक्ष्मी का अपनी नौकरी का आखिरी दिन था। हत्या का खुलासा 21 सितंबर को हुआ,जब पड़ोसियों ने महालक्ष्मी के घर से दुर्गंध आती देखी और उनके परिवार को सतर्क किया। उसकी माँ और बहन उसके घर पहुँचीं और उन्हें भयावह दृश्य का पता चला। हालाँकि रेफ्रिजरेटर अभी भी काम कर रहा था, लेकिन अवशेषों पर पहले से ही कीड़े लग चुके थे।
क्षेत्र के निवासियों ने महालक्ष्मी को एक ऐसी व्यक्ति के रूप में वर्णित किया जो अपने तक ही सीमित रहती थी और अपने पड़ोसियों के साथ कम से कम बातचीत करती थी। वह शादीशुदा थी और उसका एक बच्चा भी था लेकिन वह अपने पति से अलग रहती थी। पुलिस को रॉय पर तब संदेह हुआ जब वह महालक्ष्मी के अवशेषों की खोज के बाद काम से अनुपस्थित हो गया और आगे की जाँच में उसके साथ उसके घनिष्ठ संबंध का पता चला। साथ ही दोनों के बीच लगातार फोन कॉल भी सामने आए।