यरूशलम,22 फरवरी (युआईटीवी)- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को एक भावुक संदेश जारी किया,जिसमें उन्होंने शिरी बिबास के दो मासूम बेटों की हत्या के लिए हमास को चेतावनी दी और कसम खाई कि जब तक इजरायली बंधकों के “बर्बर” हत्यारों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता,तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। नेतन्याहू ने कहा कि हमें हमास को धरती से मिटा देना चाहिए और उनका यह बयान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सख्त संदेश के रूप में उभरा।
यह घटना 7 अक्टूबर को हुई उस भयावह घटना का हिस्सा है,जब हमास ने इजरायल के 1,200 परिवारों और उनके प्रियजनों को मार डाला और जला दिया। शिरी बिबास के बेटे एरियल (चार साल) और केफिर (एक साल) की हत्या उन सबसे क्रूर कृत्यों में से एक थी। उनके शव,जिनमें एक और शव 84 वर्षीय ओडेड लिपशिट्ज का था,हाल ही में इजरायल को सौंपे गए थे। हालाँकि,एक चौथे शव की पहचान में विवाद उठ खड़ा हुआ,क्योंकि इजरायल डिफेंस फोर्सेज का कहना था कि यह शिरी का शव नहीं,बल्कि किसी अन्य महिला का शव था,जो गाजा की स्थानीय निवासी थी।
नेतन्याहू ने इस घटना को “असीम दुख और अवर्णनीय पीड़ा” का दिन बताया। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि एरियल और केफिर के शव एक शोक में डूबे राष्ट्र को लौटे,एक ऐसा राष्ट्र जो इन निर्दोष बच्चों और ओडेड लिपशिट्ज को मारने वाले हत्यारों को कभी माफ नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमास के “बर्बर लोगों” ने इन मासूमों को शिरी बिबास की गोद से छीन लिया था। वह अपनी जान की रक्षा के लिए एक शेरनी की तरह लड़ीं,लेकिन हमास ने उन बच्चों को अपनी बुरी और निर्दयी मंशा के तहत बेरहमी से मार डाला।
नेतन्याहू ने अपने संदेश में इन बच्चों की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि, “यह बच्चे केवल चार और एक साल के थे और उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। हमास के नरसंहार के तहत,उन्होंने भय और उलझन की स्थिति में अपनी जान गंवाई।” यह बयान इस बात का प्रतीक था कि इजरायल एक ऐसे राष्ट्र के रूप में खड़ा है,जो किसी भी कीमत पर इस बर्बरता के खिलाफ खड़ा होगा।
प्रधानमंत्री ने हमास को “राक्षसों” की संज्ञा दी और कहा कि सभ्य दुनिया को इन अपराधों की निंदा करनी चाहिए और इजरायल का साथ देते हुए सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की माँग करनी चाहिए। उन्होंने अपनी पूरी मजबूती के साथ कहा कि, “मैं कसम खाता हूँ कि मैं तब तक चैन से नहीं बैठूँगा,हमारे बंधकों को मारने वाले बर्बर लोगों को जब तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता। मुझे कुछ भी नहीं रोक सकता। कुछ भी नहीं। हमें इस बुराई से लड़ना चाहिए और इसे इस धरती से मिटा देना चाहिए।”
नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर के उस काले दिन का भी जिक्र किया,जब हमास ने इजरायल के सैकड़ों नागरिकों को मार डाला और उन्हें जला दिया। उन्होंने कहा कि इस दिन के बाद से इजरायल के लोग इंतजार कर रहे थे कि उनके बंधक हमास के नरक से बचकर वापस लौटेंगे। कई लोग घर वापस आ पाए,लेकिन कुछ लोग दुखद रूप से नहीं बच पाए। नेतन्याहू ने बिबास के बच्चों को यह बताते हुए एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया कि ये मासूम बच्चे हमारे संघर्ष और इजरायल की पहचान का प्रतीक बन गए हैं। ये बच्चे हमें यह याद दिलाते हैं कि हम किसके खिलाफ लड़ रहे हैं और हमारी क्या पहचान है।
इस बयान के साथ,प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया से यह आह्वान किया कि इजरायल को सभी बंधकों की रिहाई में समर्थन दिया जाए और हमास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस प्रकार,नेतन्याहू ने न केवल अपनी सरकार के दृढ़ संकल्प का इज़हार किया,बल्कि एक सशक्त संदेश दिया कि इजरायल इन हिंसक अपराधों को कभी माफ नहीं करेगा और हर कीमत पर न्याय प्राप्त करेगा।
नेतन्याहू का यह संदेश दर्शाता है कि इजरायल किसी भी स्थिति में इस हमले और बर्बरता के खिलाफ खड़ा रहेगा। यह संदेश उनके नेतृत्व की दृढ़ता और उनके राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है। उनके शब्द न केवल इजरायल के नागरिकों के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि यह राष्ट्र अपनी सुरक्षा और नागरिकों के लिए किसी भी कीमत पर संघर्ष करेगा।