हैदराबाद, 21 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत बायोटेक ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से अपने कोविड-19 इंट्रानजल वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण करने की मंजूरी मांगी है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता ने आवेदन जमा कर दिया है और इंट्रानजल वैक्सीन (बीबीवी154) के चरण 3 परीक्षणों के लिए अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहा है।
एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “इंट्रानजल टीकों में संचरण को रोकने की क्षमता होती है। बूस्टर खुराक के रूप में इंट्रानजल वैक्सीन का बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियानों में उपयोग करना आसान होगा।”
सूत्रों ने कहा कि दूसरे चरण का परीक्षण कोवैक्सीन और बीबीवी154 के साथ किया गया। उन्होंने कहा, “एक इंट्रामस्क्युलर और दूसरे नाक के संयोजन का उपयोग करना विषमलैंगिक का एक अभिनव दृष्टिकोण है।”
इंट्रानजल वैक्सीन उन लोगों को बूस्टर खुराक के रूप में दी जा सकती है, जिन्होंने इंट्रामस्क्युलर टीके की दोनों खुराक पहले ही ले ली हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर खुराक के रूप में इंट्रानजल वैक्सीन भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार जोड़ देगा, खासकर उस समय, जब कोविड का नया स्वरूप ओमिक्रॉन देश में तेजी से फैलेगा।
भारत बायोटेक का कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड भारत के मौजूदा कोविड-19 टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किए जा रहे दो टीके हैं, जिसे इस साल जनवरी में लॉन्च किया गया था।
रूस का टीका स्पुतनिक-वी को भी भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है।