झारखंड के देवघर कोर्ट में पेशी के बाद बिहार के हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या

रांची, 18 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- झारखंड के देवघर जिला सिविल कोर्ट में शनिवार को पेशी के लिए लाये गये अमित सिंह नामक एक हिस्ट्रीशीटर की अपराधियों ने कोर्ट कैंपस में गोली मारकर हत्या कर दी। अमित सिंह की सुरक्षा में तैनात चार पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने रह गये। कोर्ट कैंपस में गोलीबारी से भगदड़ मच गयी। पुलिस कोई जवाबी कार्रवाई कर पाती, उसके पहले अपराधी फरार हो गये। बताया जा रहा है कि बिहार के बिहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बसौड़ा ग्राम निवासी अमित सिंह को बिहार पुलिस झारखंड के एक पुराने आपराधिक मामले में पेशी के लिए लेकर पहुंची थी। पूर्वाह्न् लगभग 11 बजे कोर्ट में पेशी के बाद वह कैंपस में ही एक अधिवक्ता के चैंबर में जा रहा था, तभी अपराधियों में से एक ने उसपर तीन गोलियां चलायीं। वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की एक पिस्टल घटनास्थल से ही बरामद की गयी है। अपराधियों की संख्या दो से तीन बतायी जा रही है। वारदात के बाद वे बाइक से फरार हुए।

शहर के हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में दिनदहाड़े हुई इस वारदात से दहशत है। घटनास्थल देवघर एसपी के आवास से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। घटना की सूचना मिलने पर दुमका के डीआईजी सुदर्शन मंडल और देवघर के एसपी सुभाषचंद्र जाट मौके पर पहुंचे। वारदात वाली जगह की घेराबंदी कर मामले की जांच की जा रही है।

बताया गया कि अमित सिंह पर बिहार और झारखंड में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वर्ष 2012 में देवघर के एक व्यवसायी चंचल कोठारी के अपहरण के मामले में भी वह नामजद था और इसी मामले में सुनवाई के दौरान शनिवार को उसकी अदालत में प्रोडक्शन वारंट के आधार पर पेशी हुई थी।

झारखंड में कोर्ट परिसर में गोलीबारी और हत्या की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले वर्ष 20115 में हजारीबाग जिला कोर्ट परिसर में हिस्ट्रीशीटर सुशील श्रीवास्तव को अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था।

बता दें कि बीते वर्ष 28 जुलाई को धनबाद में जज उत्तम आनंद की हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में अदालतों और जजों की सुरक्षा को लेकर सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस पर झारखंड सरकार की ओर 16 अगस्त, 2021 जवाब दाखिल कर बताया गया था कि राज्य के सभी कोर्ट परिसरों और आसपास की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। सभी जिलों के एसपी और उपायुक्त को कोर्ट की सुरक्षा के लिए एसओपी और निर्देश जारी किये जाने की जानकारी भी सुप्रीम कोर्ट को दी गयी थी।

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