प्रताप सारंगी (तस्वीर क्रेडिट@DipakKumar1970)

भाजपा सांसद प्रताप सारंगी संसद भवन की सीढ़ियों से गिरे,राहुल गांधी पर धक्का देने का लगा आरोप,कांग्रेस नेता बोले कैमरे में सब कैद

नई दिल्ली,19 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सारंगी गुरुवार को संसद में चोटिल हो गए। संसद भवन की सीढ़ियों से गिर जाने के कारण उन्हें चोट आई हैं और उन्हें व्हीलचेयर पर बाहर ले जाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया,जिसके कारण वह गिर गए और जख्मी हो गए। इस घटना के बाद,दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया और इस मामला संसद में चर्चा का विषय बन गया।

प्रताप सारंगी ने कहा कि, “मैं सीढ़ियों पर खड़ा था। तभी एक सांसद को राहुल गांधी ने धक्का दिया,जिससे वह मेरे ऊपर गिर गए। सांसद के मेरे ऊपर गिरने के कारण मैं भी गिर गया और मुझे चोट लग गई।” उनका यह आरोप था कि राहुल गांधी की ओर से की गई धक्का-मुक्की के कारण वह गिरे और जख्मी हो गए।

वहीं, राहुल गांधी ने इस आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया दी और स्थिति को कुछ अलग तरीके से पेश किया। राहुल गांधी का कहना था कि वह संसद में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे,लेकिन भाजपा सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और धक्का-मुक्की की। राहुल गांधी ने कहा कि, “कैमरे में सब कैद होगा। मैं सदन में जाने का प्रयास कर रहा था। इस बीच,भाजपा के सांसदों ने मुझे धक्का दिया और धमकाया। खड़गे जी को भी धक्का लगा।” उन्होंने यह भी कहा कि, “हमें धक्का मुक्की से कुछ नहीं होता है। हम संसद के अंदर जा रहे थे। भाजपा के सांसद हमें संसद के अंदर जाने से रोक नहीं सकते हैं।”

राहुल गांधी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, “संसद में जाना मेरा अधिकार है। मुझे कोई रोक नहीं सकता है। मैं संसद के भीतर जाना चाहता था,लेकिन मुझे रोका गया। भाजपा के सांसद मुझे लगातार रोकने का प्रयास कर रहे थे। वो मुझे प्रवेश द्वार पर रोकने की कोशिश कर रहे थे।” इस बयान में उन्होंने यह संकेत दिया कि भाजपा के सांसदों द्वारा की गई कार्रवाई संसद के अधिकारों का उल्लंघन है और इसे लोकतांत्रिक तरीके से नहीं देखा जा सकता है। राहुल गांधी के मुताबिक,यह सब कुछ उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने की कोशिश का हिस्सा था।

कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भाजपा के इस व्यवहार को संविधान पर प्रहार और बीआर अंबेडकर की स्मृति को खत्म करने की कोशिश करार दिया। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इस तरह की कोशिशों को सफल नहीं होने देगी और संविधान के अधिकारों का हर हाल में बचाव किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भाजपा का यह प्रयास लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान है और वे इसके खिलाफ खड़े हैं।

इस बीच, प्रियंका गांधी से भी सवाल पूछा गया कि क्या उनके साथ भी कोई धक्का-मुक्की हुई थी,तो उन्होंने इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार करते हुए कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ना चाहतीं और उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से बचते हुए चुप्पी साध ली।

संसद भवन परिसर में यह घटनाक्रम तब हुआ जब इंडिया ब्लॉक के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के संदर्भ में की गई एक टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी नेता अमित शाह का इस्तीफा माँग रहे थे। डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा से लेकर मकर द्वार तक यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अंबेडकर की विचारधारा और उनके योगदान को लेकर उठ रहे मुद्दों को प्रमुखता से लाना था। प्रदर्शनकारी नेता चाहते थे कि सरकार अंबेडकर के सम्मान में सख्त कदम उठाए और उनकी विचारधारा को प्रोत्साहित किया जाए।

इस घटनाक्रम के दौरान,कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के सांसदों के व्यवहार को लोकतंत्र के लिए हानिकारक करार दिया और कहा कि इस तरह की घटनाओं से संसद की गरिमा और उसकी कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही,इस घटना ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है,जिसमें संसद के भीतर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच बढ़ती टकराव की ओर इशारा किया गया है। यह विवाद आने वाले दिनों में और भी गहरा सकता है,क्योंकि दोनों प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।