नई दिल्ली, 31 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्रीय मंत्रिमडल ने बुधवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम) को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (पीएलआईएसएफपीआई) के 10,900 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को फैसला लिया। यह स्कीम वित्तवर्ष 2021-22 से लेकर 2026-27 तक यानी छह साल के लिए जारी रहेगी। मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले की जानकारी यहां संवाददाताओं को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल ने दी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 10,900 करोड़ रुपये इन्सेंटिव या सब्सिडी को मंजूरी दी।
गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के दौरान अनाजों का उत्पादन बढ़ाने वाले देश के अन्नदाताओं के लिए यह एक उपयुक्त पुरस्कार है। उन्होंने किसानों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना काल के बावजूद देश की कृषि की वृिद्ध दर इस साल तीन से 3.5 फीसदी रहेगी, जो यह दर्शाती है कि हमारे किसानों में कितनी क्षमता है। उन्होंने कहा, “बाधाओं क बावजूद किसान देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देते आ रहे हैं।”
इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 12-13 सेक्टरों को पीएलआई मिलने वाला है, जिनमें से टेलीकॉम से इलेक्ट्रॉनिक्स तक छह सेक्टरों के लिए पीएलआई की घोषणा हो चुकी है और आज खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत की खाद्य संस्कृति बहुत समृद्ध है लेकिन भारत का ब्रांड नहीं बन सका।
जावड़ेकर ने कहा, “दुनिया में भारत का ब्रांड बने और विदेशियों और हमारा निवेश भी ज्यादा हो और रोजगार की संभावना बने और किसानों को उनकी फसलों का उचित व लाभकारी दाम मिले इसलिए यह फैसला लिया गया है।”