सोने की कीमतों में तेजी

वैश्विक अस्थिरता के कारण सोने की कीमत सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुँची,पहली बार 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार

नई दिल्ली,11 फरवरी (युआईटीवी)- वैश्विक अस्थिरता के कारण सोमवार को सोने की कीमत सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, पहली बार सोने की कीमत 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच गई। सोने की यह कीमत अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के घोषणा किए जाने के वजह से सोने की कीमत में तेजी आई आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी और निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करने लगे, जिसके कारण सोने की माँग में वृद्धि हुई।

इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत में 671 रुपये वृद्धि हुई,जिसके कारण सोने की कीमत 85,370 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। शुक्रवार को सोने की कीमत 84,699 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इसी तरह से , 22 कैरेट सोने की कीमत में भी वृद्धि हुई है,यह बढ़कर 83,320 रुपये प्रति 10 ग्राम, वहीं 20 कैरेट सोने की कीमत 75,980 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत 69,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर 4 अप्रैल के कॉन्ट्रैक्ट में सोने के फ्यूचर्स की कीमत 85,384 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई,जो कि एक ऐतिहासिक उच्चतम स्तर है। फिलहाल यह कॉन्ट्रैक्ट 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 85,325 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी हैं। गोल्ड की कीमत 2,923 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गई है। जब भी वैश्विक अस्थिरता का माहौल होता है,तो सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है और ऐसे में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में यह तेजी और बढ़ सकती है,क्योंकि निवेशक अनिश्चितता के बीच सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में जनवरी की शुरुआत के बाद से 9 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है। कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह ने बताया कि सोने की कीमतों आने वाले समय में और भी उछाल देखने को मिल सकता है। उन्होंने अनुमान जताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है और घरेलू बाजारों में सोने की कीमत 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती है।

इस वृद्धि के पीछे एक अन्य कारण रुपये का कमजोर होना भी है। सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 49 पैसे गिरकर 87.92 पर पहुँच गया,जो कि इसका अब तक का सबसे कम स्तर है। रुपये की कमजोरी और वैश्विक अस्थिरता के चलते सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है। जब मुद्रा कमजोर होती है,तो सोने को निवेशक एक बेहतर विकल्प मानते हैं और इस कारण सोने की माँग में वृद्धि होती है।

सोने की बढ़ती कीमतें भारत में आम आदमी के लिए एक चिंता का विषय बन सकती हैं,क्योंकि भारत सोने का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है। सोने के दाम में यह वृद्धि घरेलू स्तर पर ज्वेलरी और अन्य सोने की वस्तुओं के दामों को भी प्रभावित करेगी। इस स्थिति में,निवेशकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे अधिक जोखिम से बच सकें और सोने के निवेश को सही तरीके से समझ सकें।

सोने के दामों में इस तेज वृद्धि के बावजूद,विशेषज्ञों का कहना है कि सोना एक लंबी अवधि के सुरक्षित निवेश के रूप में हमेशा अच्छा साबित होता है। ऐसे में,जो लोग अपनी संपत्ति का सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उनके लिए सोना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालाँकि,इस समय सोने के दामों में और वृद्धि हो सकती है,इसलिए निवेशकों को अपनी रणनीति के तहत ही निवेश करना चाहिए।

वैश्विक अस्थिरता के कारण सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है और आगे भी इस वृद्धि के जारी रहने की संभावना है। निवेशक इसे एक सुनहरा अवसर मान सकते हैं,लेकिन सोने के निवेश में कोई भी निर्णय लेने से पहले सावधानी बरतना जरूरी होगा।