रामलला के ललाट पर सूर्य का तिलक (तस्वीर क्रेडिट@spshahibjp)

अयोध्या में रामनवमी के अभिजीत मुहूर्त पर श्री रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक हुआ,श्रीराम जन्मभूमि मंदिर दिव्य आलोक से नहाया

अयोध्या,6 अप्रैल (युआईटीवी)- अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना घटी,जब अभिजीत मुहूर्त में श्री रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक हुआ। यह दुर्लभ संयोग करीब चार मिनट तक रहा और पूरे विश्व ने इस विशेष क्षण का साक्षात्कार किया। सूर्य तिलक के साथ ही मंदिर में भव्य आरती भी की गई। इस खास पल के दौरान,मंदिर के पट कुछ समय के लिए बंद किए गए थे और गर्भगृह की लाइट भी बंद कर दी गई थी,ताकि सूर्य तिलक को पूरी तरह से स्पष्ट रूप से देखा जा सके।

सूर्य तिलक को लेकर शनिवार को अंतिम ट्रायल भी किया गया था,जिसमें इसरो के अलावा आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे थे। इस ट्रायल की अवधि आठ मिनट रही और इसमें सभी तकनीकी पहलुओं की जाँच की गई। रामनवमी के दिन यह दूसरी बार था,जब रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक हुआ। इस अभूतपूर्व घटना का सीधा प्रसारण न केवल भारत में,बल्कि पूरी दुनिया में हुआ और देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं ने इसका सीधा प्रसारण देखा।

इससे पहले,पिछले साल भी रामनवमी के दिन रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया था। इस बार,राम जन्मोत्सव के दौरान सूर्य तिलक का धार्मिक महत्व और बढ़ गया है। श्री राम के जन्म से जुड़ी एक महत्वपूर्ण चौपाई तुलसीदास की रामचरितमानस से ली गई है,जिसमें वह लिखते हैं, “मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ,रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ”। इस चौपाई के अनुसार, जब भगवान राम का जन्म हुआ,तब सूर्य देव अयोध्या पहुँचे और इतने मोहित हो गए कि एक महीने तक अयोध्या में रात नहीं हुई। यही कारण है कि रामलला के जन्म के समय सूर्य देव अयोध्या में प्रकट हुए थे और इसलिए रामलला को सूर्यवंशी माना जाता है,क्योंकि सूर्य उनके कुल देवता हैं।

इस धार्मिक महत्व के कारण,रामनवमी के दिन सूर्य तिलक की परंपरा को अब लगातार मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने घोषणा की है कि अगले 20 वर्षों तक हर रामनवमी पर इस सूर्य तिलक को आयोजित किया जाएगा। इस विशेष और धार्मिक घटना को देखते हुए,अयोध्या में जिला प्रशासन ने भी व्यापक तैयारियाँ की हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं,ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

रामकथा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है और इसके लिए राम मंदिर,कनक भवन,हनुमानगढ़ी और रामपथ जैसे प्रमुख स्थलों को जोन में बाँटा गया है। आवश्यकतानुसार इंटरनल डायवर्जन भी किए जा सकते हैं,ताकि यातायात में कोई रुकावट न आए। अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है,ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।

इस अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी,जो श्री राम के जन्मोत्सव का भाग बनने के लिए दूर-दूर से आए थे। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुरक्षित आवागमन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं,ताकि इस पवित्र अवसर पर कोई भी अप्रिय घटना न घटे।

रामनवमी पर सूर्य तिलक की यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी पुनः जीवित करती है। श्री राम के जीवन और उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का यह एक अद्वितीय तरीका है,जो हर साल श्रद्धालुओं के दिलों में अयोध्या की पवित्रता और श्री राम के महान कार्यों को फिर से जीवित करता है।