नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्र ने राज्यों को चेतावनी दी है कि यदि बिजली का उपयोग उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि लाभ के लिए इसे उच्च दरों पर बिजली एक्सचेंजों को बेचा जा रहा है, तो ऐसे राज्यों की आवंटित नहीं की गई बिजली वापस ले ली जाएगी।
केंद्र ने यह निर्देश गैर-आवंटित (आवंटित नहीं की गई) बिजली को लेकर जारी किया है। ऊर्जा के इस हिस्से के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय का निर्देश कई राज्यों द्वारा मांग में अचानक वृद्धि के कारण बिजली की कमी की रिपोर्ट के मद्देनजर आया है। इसके साथ ही लाभ को अधिकतम करने के लिए एक्सचेंजों पर उन्हें उपलब्ध बिजली का एक हिस्सा बेचकर बिजली की एक यूनिट के लिए कीमतें 15 रुपये तक पहुंच गई हैं।
तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश सहित कई राज्य कोयला आधारित संयंत्रों में ईंधन की कमी के मद्देनजर अपनी बिजली की स्थिति पर गंभीर तनाव की रिपोर्ट कर रहे हैं, जबकि महामारी के बाद बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि अब देशभर में आर्थिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं।
विद्युत मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि उसके ध्यान में यह बात आई है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और बिजली की कटौती (लोड शेडिंग) कर रहे हैं। साथ ही वह बिजली एक्सचेंज में भी ऊंचे दाम पर बिजली बेच रहे हैं।
गैर-आवंटित बिजली पर ताजा कार्रवाई ऊर्जा के इस हिस्से के दुरुपयोग को रोकने के लिए है।
बिजली आवंटन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों (सीजीएस) से 15 प्रतिशत बिजली को ‘आवंटित नहीं की गई बिजली’ के अंतर्गत रखा जाता है, जिसे केंद्र सरकार उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरतमंद राज्यों को आवंटित करती है।
उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी वितरण कंपनियों की है और उन्हें पहले अपने उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करना चाहिए जिन्हें चौबीसों घंटे बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। इस प्रकार, वितरण कंपनियों को बिजली एक्सचेंज में बिजली नहीं बेचनी चाहिए और अपने स्वयं के उपभोक्ताओं को इससे वंचित नहीं रखना चाहिए।
इसलिए राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें। अतिरिक्त बिजली के मामले में, राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे भारत सरकार को सूचित करें, ताकि इस बिजली को अन्य जरूरतमंद राज्यों को एक बार फिर आवंटित किया जा सके।
यदि यह पाया जाता है कि कोई राज्य अपने उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा नहीं कर रहे हैं और बिजली एक्सचेंजों में उच्च दर पर बिजली बेच रहे हैं, तो ऐसे राज्यों की आवंटित नहीं की गई बिजली वापस ले ली जाएगी और अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर दी जाएगी।