नई दिल्ली,7 दिसंबर (युआईटीवी)- केंद्र की मोदी सरकार ने देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने का फैसला लिया है,जिससे देश के छात्रों को बड़ी संख्या में लाभ मिलने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक महत्वपूर्ण और विद्यार्थियों के हित में उठाया गया कदम बताया है। इस निर्णय के तहत नई स्कूलों के अलावा एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय को भी विस्तार दिया जाएगा। इस कदम से न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त होगी,बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस फैसले के बारे में जानकारी दी और कहा, “हमारी सरकार ने स्कूली शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाने के लिए एक और बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इस कदम से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।” प्रधानमंत्री का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और सुलभता लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में इस योजना को मंजूरी दी है,जिसके तहत सिविल और रक्षा क्षेत्र के अंतर्गत 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएँगे,साथ ही कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में स्थित एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय का विस्तार भी किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक समान शैक्षिक सुविधाएँ प्रदान करना है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो देश के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित होते रहते हैं।
केंद्रीय विद्यालय योजना के अंतर्गत, प्रत्येक नए विद्यालय में अतिरिक्त दो सेक्शन जोड़े जाने की योजना है, ताकि अधिक संख्या में छात्रों को शिक्षा दी जा सके। इसके अलावा,इन विद्यालयों के निर्माण से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि होगी और इससे जुड़े रोजगार अवसरों का भी विस्तार होगा।
इस योजना के तहत 85 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना और केवी शिवमोग्गा के विस्तार के लिए सरकार द्वारा 2025-26 से आठ साल की अवधि में लगभग 5872.08 करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे। वर्तमान में,देशभर में 1,256 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं,जिनमें तीन विदेशी केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं—मास्को, काठमांडू और तेहरान। इन विद्यालयों में करीब 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। नई योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय में लगभग 960 छात्र पढ़ेंगे, जिससे कुल मिलाकर 82,560 छात्रों को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, एक केंद्रीय विद्यालय के संचालन से करीब 63 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह,शिवमोग्गा के केंद्रीय विद्यालय में 33 नए पद जोड़े जाएँगे। इस प्रकार,पूरे प्रोजेक्ट के माध्यम से लगभग 5,388 स्थायी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह रोजगार न केवल शैक्षिक क्षेत्र से संबंधित होगा,बल्कि प्रशासनिक और अन्य सेवा क्षेत्रों में भी नए अवसरों का निर्माण होगा।
केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की योजना भारत सरकार ने नवंबर 1962 में स्वीकृत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए पूरे देश में समान मानक की शैक्षिक सुविधाएँ प्रदान करना था। इसके परिणामस्वरूप, 1963-64 के शैक्षणिक वर्ष में रक्षा स्टेशनों में 20 रेजिमेंटल स्कूलों को केंद्रीय विद्यालयों के रूप में परिवर्तित किया गया। इसके बाद, केंद्रीय विद्यालय संगठन की शुरुआत की गई,जो शिक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रूप में काम करने लगा।
केंद्रीय विद्यालयों का उद्देश्य न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है, बल्कि छात्रों के लिए एक समान शैक्षिक वातावरण भी सुनिश्चित करना है,चाहे वे किसी भी स्थान पर स्थित हों। यह योजना सरकारी कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा बनती है,क्योंकि इन स्कूलों में बच्चों को एक समान,उच्च-स्तरीय शिक्षा मिलती है, जो उनके माता-पिता के कार्यक्षेत्र की जगह बदलने के बावजूद निरंतरता बनाए रखती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम को शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। इससे न केवल छात्रों को उच्च-स्तरीय शिक्षा का लाभ मिलेगा,बल्कि यह सरकार की शिक्षा क्षेत्र में सुधार की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है। 85 नए केंद्रीय विद्यालयों के उद्घाटन से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में देश भर के छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्राप्त होंगे और रोजगार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।