केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (तस्वीर क्रेडिट@AkashYa17010281)

केंद्रीय बजट 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया,गरीब,युवा,अन्नदाता व नारी शक्ति रहा प्रमुख केंद्र

नई दिल्ली,1 फरवरी (युआईटीवी)- भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के वित्तीय बजट को शनिवार को लोकसभा में प्रस्तुत किया। यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने भारत की बढ़ती और मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में उल्लेख किया और यह कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ‘ज्ञान’ (जीवाईएएन) शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे उन्होंने गरीबों,युवाओं,किसानों और महिलाओं की शक्ति के रूप में परिभाषित किया। उनका यह बयान आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के विकास पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य भारत को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाना है और इसके लिए सरकार का फोकस कृषि,स्वास्थ्य, मैन्युफैक्चरिंग,रोजगार,निर्यात और नवाचार पर होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी जाएगी और इस बजट को विकसित भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

इस बजट में किसानों के लिए एक विशेष योजना का ऐलान किया गया,जिसे ‘प्रधानमंत्री धन धान्य योजना’ कहा गया। इस योजना के तहत किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। यह कदम किसानों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से उठाया गया है,ताकि वे अपने कृषि कार्यों को सुगमता से चला सकें और अपनी आय में सुधार कर सकें।

निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य सभी वर्गों के विकास को प्राथमिकता देना है। उन्होंने यह कहा कि मध्यम क्लास के आर्थिक उत्थान के लिए सरकार काम करेगी और इसके साथ ही ग्रामीण विकास को भी अपनी योजनाओं में शामिल किया जाएगा। बजट में किसानों,कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष उपायों का उल्लेख किया गया,जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह बजट भारत की आगामी 25 वर्षों की यात्रा का हिस्सा है और इस दौरान भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की उम्मीद की जा रही है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अब दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुकी है। पिछले 10 वर्षों में किए गए सुधारों और विकास कार्यों ने वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अगले 5 वर्षों को संतुलित विकास और सबका साथ,सबका विकास को साकार करने का अद्वितीय अवसर माना जा रहा है। इसके अलावा,उन्होंने यह उल्लेख किया कि आगामी वर्षों में मेक इन इंडिया,रोजगार सृजन,ऊर्जा आपूर्ति,खेलों का विकास और एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के लिए विशेष योजनाओं को लागू किया जाएगा।

सरकार ने कृषि क्षेत्र में भी सुधार की योजना बनाई है। विशेष रूप से छोटे किसानों, युवा किसानों और ग्रामीण महिलाओं के लिए योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है। इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। इस योजना का पहला चरण 100 विकासशील कृषि जिलों में लागू किया जाएगा। इस क्षेत्र में कौशल विकास और निवेश की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएँगे।

इसके अलावा, खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए ‘राष्ट्रीय तेल मिशन’ की शुरुआत की जा रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि 10 साल पहले दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार ने ठोस प्रयास किए थे और अब सरकार तुअर,उड़द और मसूर जैसी महत्वपूर्ण दलहनों पर ध्यान दे रही है। इसके तहत, केंद्रीय एजेंसियाँ इन फसलों की खरीदारी करेंगी और किसानों को चार वर्षों के भीतर पूरा समर्थन दिया जाएगा।

इस बजट में कृषि सुधारों को लागू करते हुए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को बेहतर आर्थिक अवसर मिलें। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए यह बजट महत्वपूर्ण कदमों का हिस्सा है और कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में भी यह कदम प्रभावी रहेगा।

इस बजट का उद्देश्य केवल आर्थिक विकास नहीं,बल्कि समाज के हर वर्ग को शामिल करते हुए समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह बजट भारत को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।