नई दिल्ली, 7 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- सरकार ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया कि वह अंतरिक्ष विज्ञान में प्रशिक्षण देने की इच्छुक है और इसके लिए कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केसीसीआरएसएसटी) की स्थापना की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह (सैटेलाइट) विकास में छात्रों को प्रशिक्षण देने का उद्देश्य अंतरिक्ष अनुसंधान में भविष्य की चुनौतियों का सामना करना और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में भारत की अग्रणी स्थिति सुनिश्चित करना है।
इसरो की पहचान की गई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तंत्र के माध्यम से इच्छुक और योग्य उद्योगों को हस्तांतरण के लिए उपलब्ध हैं। जैसा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया है, अंतरिक्ष क्षेत्र को गैर-सरकारी निजी संस्थाओं के लिए अनलॉक किया गया है, जिसमें मांग के आधार पर तकनीकी सुविधाओं को साझा करना शामिल है।
देश के अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत करने के लिए, अंतरिक्ष विभाग ने देश भर के कई प्रमुख संस्थानों में अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इन्क्यूबेशन सेल्स और स्पेस टेक्नोलॉजी सेल्स की स्थापना की है।
अंतरिक्ष विभाग देश भर में रुचि रखने वाले शिक्षाविदों के लिए अंतरिक्ष के केंद्रित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को प्रायोजित करता है। इसने अंतरिक्ष गतिविधियों में एनजीई को शामिल करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2022 तैयार की है।