नई दिल्ली, 12 मई (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली सरकार ने कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर निकालने की मांग की है। राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार देश में अन्य फार्मा कंपनियों को वैक्सीन का फार्मूला सौंपे। इससे देश में वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द ग्लोबल टेंडर के द्वारा अंतराष्ट्रीय बाजार से राज्यों के लिए वैक्सीन खरीदे। केंद्र सरकार को राज्यों को ग्लोबल टेंडर निकालने के लिए नहीं बोलना चाहिए। सिसोदिया ने कहा कि हमें वैश्विक बाजार के सामने एक राष्ट्र के रूप में जाने की जरूरत है न कि बिखरे हुए राज्यों के रूप में।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि वैक्सीन की कमी से दिल्ली में 17 स्कूलों में वैक्सीन सेंटर्स को बंद करना पड़ा है। इन सेंटर्स में कोवैक्सीन लगाई जाती थी। उन्होंने कहा कि यदि वैक्सीन की कमी की ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में हमारे युवा लगातार मरते रहेंगे ।
उपमुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वैक्सीन उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है और केंद्र सरकार राज्यों की ये जिम्मेदारी तय करे कि वैक्सीन की उपलब्धता के बाद सभी राज्य 3 महीने के भीतर सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन करें।
उन्होंने बताया कि अगर राज्य स्वयं वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर करेंगे तो जल्दी से वैक्सीन पाने के लिए सभी राज्य वैक्सीन अलग- अलग कीमतों पर खरीदेंगे। ज्यादा कीमत देने वाले राज्यों को पहले वैक्सीन मिलेगी। इससे राज्यों में आपस में प्रतिद्वंदिता की स्थिति उत्पन्न होगी और पूरे ग्लोबल मार्केट में भारत की खिल्लियां उड़ेंगी।
केजरीवाल सरकार के मुताबिक दिल्ली में 18 से 45 उम्र तक के युवाओं के लिए कोवैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है। 125 से अधिक वैक्सीन केंद्रों को बुधवार से बंद करना पड़ रहा है।
इस बीच जीटीबी अस्पताल के पास रामलीला ग्राउंड में 500 आईसीयू बेड चालू हो गया है। वहीं एलएनजेपी के सामने रामलीला मैदान में बनाया जा रहा 500 बेड का आईसीयू अगले एक- दो में चालू होगा। दिल्ली सरकार के मुताबिक उन्हे बाहर से आए एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं। इससे दिल्ली में कोरोना रोगियों के उपचार में बड़ी के उपचार में बड़ी सहायता मिलेगी।