नई दिल्ली,23 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत की दिग्गज शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव ने अपनी शतरंज की उपलब्धियों को दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता न दिए जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी निराशा व्यक्त की है। तानिया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि वह 2008 से भारत के लिए शतरंज खेल रही हैं,लेकिन दिल्ली सरकार ने अब तक उनके योगदान को उचित रूप से मान्यता नहीं दी है। तानिया ने इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए अपनी निराशा जाहिर की।
तानिया ने लिखा, “यह बेहद निराशाजनक है कि दिल्ली सरकार ने शतरंज में मेरी उपलब्धियों को मान्यता नहीं दी है। ऐसे राज्य जो अपने चैंपियनों को समर्थन देते हैं और उनका उत्सव मनाते हैं,वे अपने खिलाड़ियों को उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करते हैं और प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते हैं। दुख की बात है कि दिल्ली ने अब तक यह कदम नहीं उठाया है।”
तानिया की इस पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने एथलीटों और खिलाड़ियों का समर्थन किया है,खासकर दिल्ली के स्कूलों में। उन्होंने यह भी कहा कि वह तानिया से मिलकर यह समझना चाहेंगी कि शतरंज खिलाड़ियों के लिए और क्या किया जा सकता है। आतिशी ने कहा, “मुझे खुशी होगी कि आप मुझसे मिलें और मैं आपके विचारों और सुझावों को सुनने के लिए उत्सुक हूँ । मेरा कार्यालय आपसे संपर्क करेगा।”
तानिया सचदेव 2024 शतरंज ओलंपियाड में भारत की महिला टीम का हिस्सा थीं, जिसने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। इस टीम में तानिया के अलावा हरिका द्रोणावल्ली,वैशाली आर,दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल भी शामिल थीं। इसके अलावा,तानिया 2022 शतरंज ओलंपियाड में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थीं,जहाँ उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भी एक पदक जीता था।
तानिया ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, “2022 शतरंज ओलंपियाड में मैं कांस्य पदक के साथ वापस आई और फिर 2024 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता,लेकिन दुख की बात है कि अब तक दिल्ली सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की मान्यता नहीं दी गई है।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैं उम्मीद करती हूँ कि आम आदमी पार्टी,मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल जी अपने शतरंज एथलीटों का समर्थन करने में मूल्य देखेंगे।”
तानिया सचदेव अर्जुन पुरस्कार विजेता और दो बार की राष्ट्रीय शतरंज चैंपियन हैं। इसके अलावा,वह तीन बार राष्ट्रमंडल शतरंज चैंपियन भी रह चुकी हैं। उनकी शतरंज में उपलब्धियों को देखते हुए,उनका मानना है कि उन्हें दिल्ली सरकार से उचित मान्यता मिलनी चाहिए,जिससे अन्य युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिल सके।