पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (तस्वीर क्रेडिट@ProudbyIndian)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निर्वासित भारतीयों के विमान की लैंडिग पर उठाए सवाल,आरपी सिंह ने दिया जवाब

नई दिल्ली,15 फरवरी (युआईटीवी)- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमेरिका से अवैध तरीके से गए भारतीयों को लेकर लौट रहे विमान पर कुछ सवाल उठाए हैं। अमेरिका से अवैध तरीके से गए भारतीयों को लेकर एक और विमान भारत लौट रहा है और यह विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर लैंड करेगा। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ सवाल उठाए हैं,जिनका जवाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने दिया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों को अमृतसर में उतारने से पंजाब की छवि को नुकसान हो सकता है। उन्होंने केंद्र से यह सवाल किया कि आखिर अमृतसर को ही क्यों चुना गया और क्या यह एक खास राजनीतिक इरादे के तहत किया जा रहा है। मान का कहना था कि पंजाब पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है और इस प्रकार के कदम से राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमेरिका से भारत में प्रवेश करने वाली उड़ानों के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। आरपी सिंह ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी विमान अवैध अप्रवासियों को लेकर अमृतसर में इसलिए उतरा क्योंकि यह उनके लिए सबसे उपयुक्त स्थान था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में राजनीति करना और बिना तथ्य के षड्यंत्र की थ्योरी को बढ़ावा देना ठीक नहीं है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरपी सिंह ने लिखा कि, “अमेरिका से भारत में प्रवेश करने वाली उड़ानों के लिए अमृतसर निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, इसीलिए अवैध अप्रवासियों को लेकर जा रहा अमेरिकी विमान वहाँ उतरा है। भगवंत मान जी,अपने ज्ञान की कमी के कारण मुद्दे का राजनीतिकरण करना और षड्यंत्र की थ्योरी को बढ़ावा देना बंद करें।”

इस विवाद ने राजनीतिक रुख को और तेज कर दिया है,जहाँ भगवंत मान ने इसे पंजाब की छवि से जोड़ते हुए सवाल उठाए हैं। वहीं आरपी सिंह ने इसे सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया बताया है। उनका कहना है कि अमृतसर हवाई अड्डा उस क्षेत्र का सबसे नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और इसलिए यह किसी भी विमान के उतरने के लिए एक स्वाभाविक स्थान बनता है।

यह विवाद इस बात को भी उजागर करता है कि कैसे राजनीतिक दल कभी-कभी प्रशासनिक फैसलों को अपनी राजनीतिक स्थिति के अनुसार मोड़ने की कोशिश करते हैं। इस मामले में पंजाब सरकार और भाजपा के बीच का मतभेद सामने आया है, जहाँ एक पक्ष इसे केवल प्रशासनिक प्रक्रिया मानता है,जबकि दूसरा इसे राज्य की छवि से जोड़कर देखता है।

इस मुद्दे के सामने आने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर आगे क्या प्रतिक्रियाएँ आती हैं और क्या इस विवाद का कोई समाधान निकलता है।