राहुल गांधी

चीन सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को अच्छी तरह से नहीं संभाला : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 11 सितंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में दिए गए इंटरव्यू में कहा कि मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन सीमा विवाद पर चीन को बिल्कुल भी अच्छी तरह से संभाला है। अमेरिका के दौरे पर वॉशिंगटन डीसी में राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में चीन के साथ सीमा विवाद,भारत की उत्पादन क्षमता समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद को पीएम मोदी ने सही तरीके से नहीं संभाला है। अमेरिका तथा भारत के मध्य उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग के लिए उन्होंने समर्थन करते हुए कहा कि दोनों देशों को चीन के गैर-लोकतांत्रिक उत्पादन मॉडल का मुकाबला करने के लिए एक साथ आना होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि आज के समय में तीव्र गति से दुनिया बदल रही है। चीन के ताकत में भारी वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध हैं और चीन हमारा पड़ोसी देश है। ऐसे में हम इस सभी भू-राजनीतिक परिवर्तन के ठीक बीच में मौजूद हैं।

क्या आपको ऐसा लगता है कि अमेरिका और चीन के प्रतिस्पर्धा को पीएम मोदी ने सही तरह से संभाल लिया है? राहुल गांधी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि ठीक है, यदि आपको लगता है कि हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों को रखा जाना किसी चीज से अच्छी तरह से निपटना कहा जा सकता है,तो ऐसा माना जा सकता है कि लद्दाख में हमने दिल्ली के आकार की भूमि पर चीनी सैनिकों का कब्जा कर रखा हो।

मुझे तो यह एक आपदा के जैसा लगता है। आपके क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर पर यदि आपका कोई पड़ोसी कब्जा कर ले तो ऐसे में अमेरिका के तरफ से क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति ऐसा कहकर बच निकल पाएगा कि इसे उसने अच्छी तरह से संभाला है? इसलिए मुझे ऐसा नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन सीमा विवाद पर चीन को बिल्कुल भी अच्छी तरह से संभाला है। मुझे तो ऐसा लगता है कि हमारे क्षेत्र में चीनी सैनिकों के बैठने का कोई कारण नहीं है।

मुख्य सवाल यह है कि आप चीन के सामने उत्पादन और मूल्यवर्धन पर किस प्रकार से चुनौती पेश करते हैं ? चीन को उसकी उत्पादन क्षमता से ताकत प्राप्त होती है। यह तेजी से फलता-फूलता और आगे बढ़ता है। अमेरिकी हो या भारतीय सभी चीनी उत्पाद खरीद रहे हैं। मैं भारत के बारे में निश्चित रूप से बोल सकता हूँ कि जब तक आप भारत के लोगो के लिए नौकरियाँ उत्पन्न न कर ले और बड़ी संख्या में लोगों को शामिल किए बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है।

राहुल गांधी ने कहा कि सिंगापुर के जैसे हम नहीं हैं,जहाँ हमारा पूरा ध्यान सेवाओं पर केंद्रित हो और हम उम्मीद करें कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। हमें एक समाधान,दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टि की आवश्यता है। जरुरी समाधान उत्पादन से ही आएगा। हमारे दृष्टिकोण से उस दृष्टिकोण के केंद्रीय तत्व लोकतांत्रिक विचार-शांति,अहिंसा,सहयोग और सद्भाव-वे मूल्य होने चाहिए,जिसके लिए महात्मा गांधी जैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ाइयाँ लड़ी।

उन्होंने कहा कि आपको इसे तब ही सही प्रकार से कर सकते हैं,जब आपको यह अच्छी तरह से समझ हो कि आप कौन हैं और आपका अपना स्वभाव क्या है? आप जैसे हैं,जब आप उसे स्वीकार नहीं करते और कुछ और होने की कल्पना करते हैं,तब ही वास्तविक समस्याएँ और रणनीतिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। भारत एक बहुलता वाला और खुला देश है। भारत मात्र एक विचार नहीं है,बल्कि यह तो अनेक विचारों वाला है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत की लोकतंत्र की शक्ति सबसे बड़ी रणनीतिक संपत्ति है,जिसे हम कमजोर कर रहे हैं। भारत की लोकतंत्र की शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि यह एक वैश्विक संपत्ति है। भारत में इस पर हमला किया जा रहा है और इसे कमजोर किया जा रहा है।