चीन के कर्मचारियों ने यूएस में टिकटॉक यूजर्स का डेटा एक्सेस किया

सैन फ्रांसिस्को, 18 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- इंटरनेट की दिग्गज कंपनी बाइटडांस के चीन स्थित कर्मचारियों ने बार-बार यूएस टिकटॉक यूजर्स के बारे में डेटा एक्सेस किया है। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। बजफीड न्यूज के अनुसार, 80 से अधिक आंतरिक टिकटॉक (बाइटडांस के स्वामित्व वाली) बैठकों से लीक हुए ऑडियो का हवाला देते हुए, चीन में इंजीनियरों की सितंबर 2021 और जनवरी 2022 के बीच अमेरिकी डेटा तक पहुंच थी।

ऑडियो फाइलों के अनुसार, “यूएस (टिकटॉक) के कर्मचारियों के पास डेटा को अपने दम पर एक्सेस करने की अनुमति या ज्ञान नहीं था।”

सितंबर 2021 की बैठक में टिकटॉक के ट्रस्ट और सुरक्षा विभाग के एक सदस्य ने कहा, “चीन में सब कुछ देखा जाता है।”

एक अन्य बैठक में, एक टिकटॉक निदेशक ने बीजिंग स्थित एक इंजीनियर को ‘मास्टर एडमिन’ के रूप में संदर्भित किया, जिसकी ‘हर चीज तक पहुंच है।’

ऑडियो टेप से पता चलता है कि कंपनी ने “कानून निर्माताओं, उसके यूजर्स और जनता को गुमराह किया है कि अमेरिका में संग्रहीत डेटा अभी भी चीन में कर्मचारियों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।”

टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अमेरिकी उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा के बारे में किसी भी संदेह को दूर करना है।

शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, “इसलिए हम उनके क्षेत्रों में विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं, अपने सुरक्षा मानकों को मान्य करने के लिए लगातार काम करते हैं और हमारे बचाव का परीक्षण करने के लिए सम्मानित, स्वतंत्र तीसरे पक्ष को लाते हैं।”

2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेटा गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं पर टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी कि चीनी सरकार अमेरिकी यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करने के लिए बाइटडांस का उपयोग कर सकती है।

ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश में लिखा, टिकटॉक के “डेटा संग्रह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों की व्यक्तिगत और मालिकाना जानकारी तक पहुंच की अनुमति देने का खतरा है।”

टिकटॉक ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी यूजर्स के डेटा को देश के भीतर ओरेकल सर्वर में स्थानांतरित कर दिया है।

भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 2020 में कई अन्य चीनी स्वामित्व वाले ऐप के साथ-साथ शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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