मुंबई,24 मार्च (युआईटीवी)- कॉमेडियन कुणाल कामरा के एक वीडियो ने महाराष्ट्र की राजनीति में भारी हलचल मचा दी है। इस वीडियो में कुणाल ने बिना किसी का नाम लिए कथित रूप से डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाया। वीडियो सामने आने के बाद शिवसेना कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और उन्होंने रविवार रात मुंबई के द यूनिकॉन्टिनेंटल होटल में तोड़फोड़ की,जहाँ यह वीडियो शूट हुआ था। इसके बाद, पुलिस ने शिंदे गुट के राहुल कनाल समेत 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इसी बीच,मुंबई के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एमआईडीसी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 353(1)(b), 353(2) और 356(2) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले को लेकर शिवसेना के विधायक मुरजी पटेल ने एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिवसेना अब कामरा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग कर रही है। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने बयान दिया है कि वे कुणाल कामरा को महाराष्ट्र और पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी घूमने नहीं देंगे।
वहीं,आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने कुणाल कामरा का समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे और संजय राउत का कहना है कि कुणाल ने केवल राजनीति का मजाक उड़ाया था,लेकिन जो प्रतिक्रिया दिखाई गई है, वह अत्यधिक और गलत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार और शिंदे गुट की कार्रवाई पक्षपाती है और यह केवल एक व्यक्ति के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध को दर्शाता है।
शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य लोगों के खिलाफ कल मुंबई में हैबिटेट स्टैंडअप कॉमेडी सेट पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में बीएनएस और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खार इलाके में स्थित यूनिकॉन्टिनेंटल होटल में तोड़फोड़ की, जहाँ कुणाल कामरा के शो की शूटिंग हुई थी।
कुणाल कामरा ने अपने शो में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कटाक्ष किया था। इस वीडियो के वायरल होते ही शिवसेना कार्यकर्ता भड़क उठे और वे होटल के सभागार में पहुँचे। वहाँ उन्होंने तोड़फोड़ की और कामरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की। इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब पार्टी कार्यकर्ता होटल पहुँचे थे।
शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया और लिखा, “कुणाल का कमाल।” कामरा ने फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने के बोल बदलकर शिंदे पर कटाक्ष किया था। इस वीडियो को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया तीव्र रही और उन्होंने इसका विरोध किया। राउत ने भी कुणाल कामरा की आलोचना करने के बजाय,उन्हें एक प्रसिद्ध लेखक और स्टैंड-अप कॉमेडियन बताते हुए शिंदे गुट के खिलाफ प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि कुणाल ने महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर एक पैरोडी गीत बनाया,जो शिंदे गुट को नापसंद आया और इसके बाद ही स्टूडियो में तोड़फोड़ की घटना घटी।
शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कामरा को चेतावनी दी कि वे देशभर में कहीं भी जाएँ,शिवसेना कार्यकर्ता उनका पीछा करेंगे। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “आपको भारत से भागने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।” ”म्हास्के कामरा पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे से पैसे लेकर एकनाथ शिंदे को निशाना बनाया है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए कहा कि, “उनकी पार्टी के पास कोई नहीं बचा है,इसलिए वे ऐसे लोगों को काम पर रख रहे हैं। अब कामरा को शिंदे की आलोचना करने के नतीजों का पता चलेगा।”
सांसद नरेश म्हास्के ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी किया,जिसमें उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के लिए शिवसेना नेता संजय राउत भी दोषी हैं। वही,राउत ने एक पोस्ट में लिखा कि कुणाल कामरा एक प्रसिद्ध लेखक और स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं और उन्होंने महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर एक पैरोडी बनाई थी,जिससे शिंदे गुट नाराज हो गया। इसके बाद ही होटल में तोड़फोड़ की घटना घटी।
वहीं,शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कहा कि वे कामरा के खिलाफ एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती,तब तक वे शिंदे गुट के विरोध में खड़े रहेंगे।
कुणाल कामरा का यह वीडियो और इसके बाद का विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे रहा है। जहाँ एक ओर शिवसेना कार्यकर्ता इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं,वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे केवल एक राजनीतिक मजाक और पैरोडी मानते हैं। यह घटना राजनीतिक बहस और कॉमेडी के बीच की सीमाओं को लेकर एक नई बहस को जन्म देती है,जिसमें यह सवाल उठता है कि क्या किसी राजनीतिक हस्ती की आलोचना करने का अधिकार केवल कॉमेडियन को है या नहीं।