नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को ‘तंबाकू मुक्त क्षेत्र’ घोषित किया गया है और इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपये के जुर्माने के साथ यह दंडनीय अपराध माना जाएगा। अस्पताल ने कहा है कि अस्पताल परिसर में धूम्रपान या तंबाकू चबाते पाए जाने वाले डॉक्टरों, स्थायी या संविदा कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल ने आदेश में कहा- केंद्र सरकार ने 2003 में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य एंव उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम (सीओटीपीए) को युवाओं और जनता को तंबाकू के उपयोग और धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए अधिनियमित किया है।
आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है- सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में और अस्पताल भवनों को साफ रखने की ²ष्टि से, इस प्रकार ‘स्वच्छ भारत’ अभियान में योगदान करते हुए, एम्स, नई दिल्ली के परिसर को ‘तंबाकू मुक्त क्षेत्र’ घोषित किया गया है। आदेश में आगे कहा गया है कि एम्स, दिल्ली के परिसर में तंबाकू, धूम्रपान और थूकना प्रतिबंधित है और यह 200 रुपये के जुर्माने के साथ दंडनीय अपराध है।
अस्पताल ने सभी एचओडी से अनुरोध किया है कि वह अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को उपरोक्त दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की जानकारी दें। सुरक्षा कर्मियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह एम्स के परिसर में रोगियों, परिचारकों और कर्मचारियों के सदस्यों को किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग न करने दें।
फैसले पर टिप्पणी करते हुए एम्स के रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख उमा कुमार ने आईएएनएस को बताया, हम इस कदम का स्वागत करते हैं। तंबाकू कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, हम सीओपीटीए संशोधनों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बिक्री के बिंदु (पीओएस) पर निर्दिष्ट धूम्रपान क्षेत्र और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाना है।
अस्पताल ने कहा- ये कदम स्वस्थ और फिट भारत सुनिश्चित करेंगे जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री ने कल्पना की थी। यदि कोई अनुबंधित कर्मचारी/सुरक्षा कर्मचारी एम्स नई दिल्ली परिसर में सिगरेट या बीड़ी या तम्बाकू चबाता हुआ पाया जाता है, तो उसकी सेवा समाप्त कर दिया जाएगा। अगर कोई स्थायी कर्मचारी/डॉक्टर एम्स दिल्ली परिसर में सिगरेट या बीड़ी या तंबाकू चबाता हुआ पाया जाता है, तो उसे मेमो जारी किया जाएगा और उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
तम्बाकू का उपयोग मृत्यु के प्रमुख कारणों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है और कैंसर, हृदय-संवहनी रोगों और फेफड़ों के विकारों सहित कई गैर-संचारी रोग (एनसीडी) तम्बाकू के उपयोग से होती है।