नई दिल्ली,25 जून (युआईटीवी)- दिल्ली की मंत्री आतिशी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर बीते 21 जून से अनशन पर बैठीं थी। हरियाणा से 28 लाख दिल्ली के लोगों को उनके हक का पानी दिलाने के लिए दिल्ली की जल मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी थीं। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के कारण मंगलवार को आतिशी की तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टर के सुझाव पर आतिशी ने अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने की घोषणा कर दी है।
आम आदमी पार्टी ने इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस करके दी है। दिल्ली में जारी पानी संकट को लेकर पिछले पाँच दिनों से आतिशी अनशन पर बैठी हुई थीं। उनकी माँग थी कि दिल्लीवासियों को पानी संकट से निजात के लिए केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाए। इस बीच दिल्ली में बारिश होने के वजह से लोगों को पानी के संकट से निजात मिलने की संभावना प्रबल हो गई है। दिल्ली के भू स्तर में थोड़ी वृद्धि भी हुई है।
🚨 Water Minister Atishi’s health deteriorates 🚨
Her blood sugar level dropped to 43 at midnight and to 36 at 3 AM, after which LNJP Hospital doctors advised immediate hospitalization. She has not eaten anything for the last five days and is on an indefinite hunger strike… pic.twitter.com/nl5iTfnwnT
— AAP (@AamAadmiParty) June 24, 2024
दिल्ली में जारी पानी संकट पर आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक बयान भी जारी किया। आप ने कहा,1994 में 105 एमजीडी पानी दिल्ली के लिए तय हुआ था,उस समय दिल्ली की आबादी भी आज के तुलना में कम थी। वर्तमान में दिल्ली की आबादी 3 करोड़ के आसपास पहुँच चुकी है और फिर भी 105 एमजीडी पानी ही आज भी दिल्ली के लिए तय है। इस भीषण गर्मी में जहाँ पानी की माँग बढ़ रही है,वहीं दिल्ली को पानी देने में कटौती की जा रही है।
दिल्ली में पानी का संकट अपने चरम पर पहुँच चुका है। दिल्ली में हर साल गर्मी में पानी संकट पैदा हो जाता है,जिसे देखते हुए समर एक्शन प्लान आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली सरकार की ओर से तैयार किया जाता है, लेकिन इस बार ऐसा कोई भी प्लान तैयार नहीं किया गया,जिस पर बीजेपी ने बीते दिनों निशाना साधते हुए कहा था कि जब हर साल गर्मी के मौसम में पानी के संकट से निपटने के लिए समर एक्शन प्लान तैयार किया जाता है,तो इस साल आखिर ऐसा क्यों नहीं किया गया। सच तो यह है कि आम आदमी पार्टी इस बार शराब घोटाले पर राजनीति करती रही। जनता के हितों से उसे कोई लेना-देना नहीं था।