नई दिल्ली, 9 अप्रैल(युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली के करोल बाग स्थित चन्ना मार्केट से झारखंड की रहने वाली एक नाबालिग लड़की को रेस्क्यू करवाया है। वह झारखंड के गुमला पालकोट इलाके की रहने वाली है। दिल्ली महिला आयोग ने एक ट्वीट का संज्ञान लेते हुए लड़की की तलाश की और उसे करोल बाग स्थित चन्ना मार्केट के एक घर से रेस्क्यू करवाया। ये ट्वीट झारखंड से किया गया था जिसमें झारखंड व दिल्ली पुलिस को टैग किया गया था।
लड़की ने बताया कि उसे उसके गांव से दिल्ली काम दिलाने के बहाने लाया गया था। उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया गया। लड़की को सिखाया गया कि “यदि कोई भी उससे उसकी उम्र पूछे तो उसे 18 वर्ष बताना है।”
लड़की पिछले 4 महीने से करोल बाग के इस घर में काम कर रही थी और इससे पहले एक और घर में उसने 4 महीने काम किया था। लड़की ने बताया कि वह वापस अपने घर जाना चाहती है।
दिल्ली महिला आयोग की टीम ने लड़की को घर से बाहर निकलवाया और उसे चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सामने प्रस्तुत करवाने के बाद शेल्टर होम में रखवाया गया। दिल्ली महिला आयोग इस बात का भी संज्ञान ने रहा है कि लड़की का नकली आधार कार्ड कैसे बनवाया गया।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों से बच्चियों को बड़े स्तर पर प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा दिल्ली लाया जाता है। उन्हें अच्छी तनख्वाह का लालच देकर दिल्ली लाते हैं और उन्हें बुरे हालातों में बिना या बहुत कम पगार पर घरों में काम पर लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने अब तक ऐसी सैकड़ों लड़कियों को रेस्क्यू करवाया है। पिछले वर्ष भी हमने झारखंड की कई लड़कियों को वापस उनके गृह राज्य पहुंचाने में झारखंड सरकार की सहायता की थी। हमें इस बात की खुशी है कि आयोग ने ट्वीट का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और आयोग उस बच्ची को बचाने में सक्षम रहा।