विमान दुर्घटना (तस्वीर क्रेडिट@RohitDu48986022)

कनाडा के टोरंटो में डेल्टा एयरलाइंस की फ्लाइट लैंडिंग के दौरान हुई दुर्घटनाग्रस्त,विमान में सवार सभी 80 यात्री सुरक्षित

टोरंटो,18 फरवरी (युआईटीवी)- कनाडा के टोरंटो में सोमवार को एक बड़ी विमान दुर्घटना घटी, जब डेल्टा एयरलाइंस की फ्लाइट, जो मिनियापोलिस से आ रही थी, लैंडिंग के दौरान संतुलन खो बैठी और रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा विमानन इतिहास में एक दुर्लभ घटना के रूप में उभरा,क्योंकि विमान पलट गया था, लेकिन सौभाग्य से विमान में सवार सभी 80 यात्री सुरक्षित बच गए, हालाँकि 18 लोग घायल हो गए। इस घटना ने सभी को चौंका दिया और इसे लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो और जानकारी तेजी से फैलने लगी।

घटना के दौरान विमान में तेज हवा (61 किमी/घंटा) के कारण असंतुलन पैदा हो गया था,जिससे लैंडिंग के बाद विमान का एक पंख टूट गया और इसके बाद विमान पलट गया। हादसे के वक्त विमान के अंदर हड़कंप मच गया,लेकिन चालक दल के सदस्यों ने तुरंत अपनी सतर्कता और अनुभव का परिचय देते हुए सभी यात्रियों को जल्दी से बाहर निकाल लिया। इस स्थिति में जहाँ यात्री बाहर निकलने के लिए बर्फ से ढके रनवे पर चल रहे थे,वहीं अग्निशमन कर्मी विमान पर फोम डालकर आग लगने से रोकने का प्रयास कर रहे थे। सोशल मीडिया पर इस दुर्घटना के बाद कई वीडियो वायरल हुए,जिनमें यात्री बर्फ से ढके हवाई क्षेत्र में बाहर निकलते हुए नजर आ रहे थे।

यह विमान एम्ब्रेयर सीआरजे-900 मॉडल का था और इसका संचालन डेल्टा एयरलाइंस की सहायक कंपनी एंडेवर एयर द्वारा किया जा रहा था। आमतौर पर बड़े यात्री विमानों के इस तरह से पलटने की घटनाएँ दुर्लभ मानी जाती हैं,इसलिए कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने इस दुर्घटना की गहन जाँच शुरू कर दी है। इस जाँच में अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) भी सहायता करेंगे। इन संस्थाओं का उद्देश्य यह जानना होगा कि आखिरकार क्या कारण था जिसके कारण विमान इतनी बड़ी दुर्घटना का शिकार हुआ।

डेल्टा एयरलाइंस के सीईओ एड बास्टियन ने इस घटना के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा कि वे इस हादसे के सभी पहलुओं की गहनता से जाँच कर रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एयरलाइंस इस मामले से जुड़ी सभी जानकारी जल्द ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा करेगी,ताकि सभी को इस दुर्घटना से संबंधित अधिक जानकारी मिल सके।

यह विमान हादसा हाल के महीनों में उत्तरी अमेरिका में हुई कई दुर्घटनाओं के बाद हुआ है,जिससे विमानन सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले 29 जनवरी को वाशिंगटन में एक सैन्य हेलीकॉप्टर ने अमेरिकन एयरलाइंस के जेट को टक्कर मार दी थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों विमान पोटोमैक नदी में गिर गए थे और इस हादसे में 67 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 1 फरवरी को फिलाडेल्फिया में एक एयर एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी,जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। इन घटनाओं के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या विमानन सुरक्षा मानकों में कोई चूक हो रही है। इसके अलावा,6 फरवरी को अलास्का में एक विमान बर्फीले जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था,जिसमें सभी 10 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह घटनाएँ लगातार विमानन सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं और यह सुझाव दे रही हैं कि कहीं-न-कहीं इन दुर्घटनाओं के कारण विमानन उद्योग को कुछ सुधारों की आवश्यकता हो सकती है।

इस घटना के बाद डेल्टा एयरलाइंस और अन्य विमानन कंपनियाँ यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकती हैं कि इस तरह की दुर्घटनाएँ भविष्य में न हों। विशेषज्ञों का मानना है कि विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाएँ कम से कम हो सकें। इसके अलावा, विमानन अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को इस प्रकार के हादसों की जाँच करने और इनके कारणों को पहचानने में मदद करने के लिए अधिक संसाधन जुटाने होंगे, ताकि यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें।

इस घटना ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया कि यात्री विमानों में चालक दल की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। चालक दल के सदस्यों ने इस दुर्घटना के दौरान अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और यात्री को बचाने में मदद की। यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक है,जो विमान यात्रा करते हैं। यह याद रखना कि विमानन यात्रा जितनी सुरक्षित है,उसमें चालक दल की सतर्कता और प्रशिक्षण का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

आखिरकार,यह दुर्घटना एक कठिन हादसा था,लेकिन इसमें कोई जान का नुकसान नहीं हुआ और यह इस बात का प्रमाण है कि विमानन सुरक्षा के उपाय और उपायकर्ता कितने प्रभावी हो सकते हैं। फिर भी,इस घटना के बाद जाँच के परिणामों का इंतजार रहेगा और यह देखना होगा कि क्या इस तरह के हादसों को कम करने के लिए भविष्य में कोई नए उपाय किए जाते हैं।