मुंबई,25 मार्च (युआईटीवी)- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा उनके खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बयान को गंभीर रूप से लिया और कामरा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कामरा ने यह बयान “सुपारी” लेने के बाद दिया है। सोमवार देर रात एकनाथ शिंदे ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह ऐसे आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं,बल्कि वह अपने काम के जरिए इसका मुँहतोड़ जवाब देंगे।
शिंदे ने कामरा का नाम लिए बिना कहा, “इस व्यक्ति ने सुपारी लेकर बयान दिया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक सभी को है,लेकिन इसका लाभ उठाकर किसी का मजाक उड़ा देना और गलत बयानबाजी करना एक तरह से सुपारी लेकर बोलने जैसा है। मैं इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूँगा,लेकिन, शिवसेना कार्यकर्ताओं की भावनाएँ होती हैं और हमें उनका सम्मान करना चाहिए।” शिंदे ने यह भी कहा कि इस व्यक्ति ने पहले सुप्रीम कोर्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उद्योगपतियों के बारे में भी विवादास्पद बयान दिए थे, जो उनके लिए “सुपारी” लेकर किए गए आरोप थे।
उपमुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वह इन आरोपों का जवाब देने की बजाय अपने काम से जवाब देंगे। उन्होंने कहा, “यदि हम हर आरोप का जवाब आरोपों से देंगे,तो हम अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाएँगे। जब से हमारी सरकार बनी है,लोग आरोप लगा रहे हैं,लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि आरोपों का जवाब हम काम से देंगे। हमने आरोपों का जवाब काम से दिया और लोगों ने हमें फिर से चुना। इस बार हमें 80 में से 60 सीटें मिलीं,जबकि ठाकरे की शिवसेना को केवल 20 सीटें मिलीं।”
कुणाल कामरा के बिना शर्त माफी माँगने की माँग पर शिंदे ने कहा, “मैं आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं करता। तीन साल से हमारी सरकार के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं,लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि मैं आरोपों का जवाब काम से दूँगा। यदि हम आरोपों का जवाब आरोपों से देने लगेंगे,तो हम अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाएँगे। हमने अपना काम किया और लोगों ने हमें फिर से चुना।”
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा स्टूडियो में तोड़फोड़ के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी। शिंदे ने कहा, “मैं तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करता। हमें यह भी देखना चाहिए कि दूसरा व्यक्ति आरोप लगाते समय किस हद तक गिरता है। हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है। मैं हमेशा शांत रहने की कोशिश करता हूँ और काम पर ध्यान केंद्रित करता हूँ। मैंने कभी भी किसी से झगड़ा नहीं किया और हमेशा काम को प्राथमिकता दी। लोग मेरे काम को देखकर हमें सफलता दे रहे हैं। इसीलिए हम इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर पाए हैं।”
शिवसेना की तरफ से सोमवार को एक बयान जारी किया गया,जिसमें उन्होंने कुणाल कामरा की हालिया टिप्पणी की कड़ी निंदा की। शिवसेना ने कहा कि कामरा ने जानबूझकर उपमुख्यमंत्री शिंदे का मजाक उड़ाने की कोशिश की और राज्य की राजनीतिक वास्तविकता को प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया। यह एक सुनियोजित हमला था,जिसका उद्देश्य शिंदे के नेतृत्व को बदनाम करना था। शिवसेना ने यह भी कहा कि कामरा ने स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार का दुरुपयोग किया है और कॉमेडी के नाम पर राजनीतिक रूप से प्रेरित गलत सूचना फैलाने की कोशिश की है।
शिवसेना ने कहा, “हम महाराष्ट्र के लोगों के लिए अथक प्रयास कर रहे नेतृत्व का अपमान या बदनाम करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम यह माँग करते हैं कि कुणाल कामरा,एकनाथ शिंदे के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी माँगे और नफरत और गलत सूचना फैलाने के लिए कॉमेडी का इस्तेमाल करना बंद करें।” शिवसेना ने यह भी कहा कि कामरा का विवादास्पद और आक्रामक व्यवहार एक अकेली घटना नहीं है,बल्कि यह उनकी आदत बन चुकी है।
शिवसेना ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि कामरा ने बार-बार व्यंग्य के बहाने संस्थाओं, व्यक्तियों और धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है। कामरा का यह बयान उनके इतिहास से मेल खाता है,जिसमें उन्होंने हमेशा सार्वजनिक व्यक्तित्वों का मजाक उड़ाया और राजनीति में अपने स्वार्थी हितों के लिए उन्हें निशाना बनाया। शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया कि कामरा अपनी कॉमेडी का इस्तेमाल कर लोगों को बदनाम करने और राजनीतिक उद्देश्य साधने की कोशिश कर रहे हैं।
यह विवाद अब और बढ़ता जा रहा है,क्योंकि एक ओर जहाँ शिंदे ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कामरा की आलोचना की,वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने कामरा की माफी की माँग की है। इस घटना ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या एक हास्य कलाकार को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए दूसरों की भावनाओं और राजनीतिक संवेदनाओं को ठेस पहुँचाने का अधिकार होना चाहिए।
कुणाल कामरा की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद यह स्पष्ट है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत टिप्पणी से कहीं अधिक बढ़कर राजनीति और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ है। शिंदे और शिवसेना दोनों के लिए यह केवल एक बयानी विवाद नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है,जो राज्य की राजनीति और कार्यकर्ताओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। अब देखना यह है कि कामरा इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वह बिना शर्त माफी माँगेंगे जैसा कि शिवसेना ने उनसे अपेक्षित किया है।