क्रिस्टिया फ्रीलैंड (तस्वीर क्रेडिट@Surender_10K)

कनाडा की डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रू़डो से नीतिगत टकराव की वजह से मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा

ओटावा,17 दिसंबर (युआईटीवी)- कनाडा की वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री, क्रिस्टिया फ्रीलैंड,ने हाल ही में एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए अपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा की। यह फैसला प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा उनके मंत्रालय को बदलने की पेशकश के बाद लिया गया था। 2024 की आर्थिक गिरावट पर सोमवार को एक बयान देने के लिए तैयार फ्रीलैंड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पत्र साझा किया,जिसमें उन्होंने अपनी इस्तीफे की वजह को स्पष्ट किया। इस पत्र में उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने उन्हें वित्त मंत्री की जगह एक और कैबिनेट पद देने की पेशकश की थी,जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया।

फ्रीलैंड ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को संबोधित करते हुए लिखा, “सरकार में सेवा करना और कनाडा और उसके नागरिकों के लिए काम करना मेरे लिए हमेशा एक सम्मान की बात रही है। हम दोनों ने मिलकर बहुत कुछ हासिल किया है। आपने शुक्रवार को मुझसे कहा था कि आप नहीं चाहते कि मैं अब आपकी वित्त मंत्री रहूँ और इसके बदले मुझे कैबिनेट में कोई और पद देने की पेशकश की थी।”

इस पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा इस प्रस्ताव पर गहन विचार करने के बाद,यह स्पष्ट हुआ कि उनके लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदारी भरा कदम है। फ्रीलैंड ने लिखा कि, “एक मंत्री के लिए यह आवश्यक है कि प्रधानमंत्री का उस पर पूरा विश्वास हो,ताकि वह अपनी बात प्रभावी तरीके से रख सके। आपने मेरे प्रति अपना विश्वास समाप्त कर दिया है और इसके साथ ही मुझे वह अधिकार भी नहीं रहा है,जो मुझे मेरी भूमिका में होना चाहिए था। पिछले कुछ हफ्तों से हम कनाडा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर असहमत रहे हैं।”

फ्रीलैंड ने अपने इस्तीफे की वजहों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कनाडा को एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका के “आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद” की नीति को लेकर चिंता जताई। फ्रीलैंड ने यह बताया कि अमेरिका के आगामी प्रशासन के तहत कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए कहा, “हमें इस खतरे का सामना करने के लिए गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। इसका मतलब यह है कि हमें अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखना होगा,ताकि अगर टैरिफ युद्ध होता है,तो हमारे पास जरूरी धन मौजूद रहे।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय कनाडा को किसी भी प्रकार की महँगी और राजनीतिक चालों से बचना चाहिए,जो आर्थिक संकट को और बढ़ा सकती हैं और जिनसे कनाडाई नागरिकों में संदेह उत्पन्न हो सकता है। फ्रीलैंड का मानना था कि इस समय की गंभीरता को समझते हुए हमें केवल देश के भविष्य की दिशा को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए।

फ्रीलैंड ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि कनाडा की वर्तमान स्थिति में उनका दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री ट्रूडो का दृष्टिकोण अलग-अलग हैं। वह मानती थीं कि इस समय को ध्यान में रखते हुए सरकार को कठोर आर्थिक फैसले लेने चाहिए थे,लेकिन प्रधानमंत्री की दृष्टि में राजनीतिक दृष्टिकोण अधिक महत्वपूर्ण था,जो उन्हें लगता था कि देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए सही नहीं था। इस असहमतियों के चलते,उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।

कनाडा की आर्थिक स्थिति और अमेरिकी प्रशासन के संभावित कदमों के बारे में फ्रीलैंड का यह आकलन केवल एक वित्त मंत्री के तौर पर उनके अनुभव पर आधारित था,बल्कि यह उनकी गहरी राजनीतिक समझ को भी दर्शाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके लिए कनाडा की भलाई सबसे पहले आती है और यदि प्रधानमंत्री का विश्वास उन पर नहीं था,तो वह सही तरीके से देश के लिए काम नहीं कर सकती थीं।

यह घटनाक्रम कनाडा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। फ्रीलैंड के इस्तीफे से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक असहमति और व्यक्तिगत विश्वास की कमी कैसे एक बड़े निर्णय का कारण बन सकती है। हालाँकि,यह भी दिखाता है कि फ्रीलैंड ने अपनी ईमानदारी और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को सर्वोपरि माना। उन्होंने यह कदम एक मंत्री की भूमिका में अपनी प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए उठाया, जहाँ एक नेता का प्रधानमंत्री के प्रति पूर्ण विश्वास आवश्यक होता है।

इस इस्तीफे के बाद,यह देखना दिलचस्प होगा कि कनाडा की सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी और कैसे फ्रीलैंड के बाद वित्त मंत्रालय को संभालने वाले नेता देश की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करेंगे।