नई दिल्ली,24 अगस्त (युआईटीवी)- नागरिक विमान सेवाओं का नियमन करने वाली सरकारी एजेंसी नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया पर 90 लाख रुपये का जुर्माना अयोग्य चालक दल (अयोग्य क्रू मेंबर्स ) के सदस्यों के साथ उड़ान का संचालन करने के लिए लगाया है। यह जानकारी सरकारी एजेंसी द्वारा आधिकारिक बयान में दी गई। एयरलाइन के प्रशिक्षण निदेशक को विमानन नियामक ने छह माह के लिए निलंबित भी कर दिया है।
इसके अलावा एयर इंडिया के परिचालन निदेशक पंकुल माथुर पर इस चूक के लिए नियामक ने छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नियामक ने तीन लाख रुपये का जुर्माना प्रशिक्षण निदेशक मनीष वासवदा पर भी लगाया है। साथ ही संबंधित पायलट को उसने भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने के लिए चेतावनी दी है।
एयर इंडिया की ओर से एक विमान के संचालन के लिए गैर-लाइन-रिलीज़ प्रथम अधिकारी (नॉन-लाइन-रिलीज फर्स्ट ऑफिसर) के साथ नॉन-ट्रेनर (गैर-प्रशिक्षक ) लाइन कैप्टन को नियुक्त किया था। इस घटना को नियामक ने एक गंभीर घटना माना है और इसे एक बड़ी सुरक्षा चूक बताया है।
एयर इंडिया पर डीजीसीए ने उल्लंघन के लिए 90 लाख रुपये जुर्माना लगाया,छह लाख रुपये का जुर्माना परिचालन निदेशक पर तथा तीन लाख रुपये का जुर्माना प्रशिक्षण निदेशक पर लगाया। साथ ही प्रशिक्षण निदेशक को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
डीजीसीए को इस घटना का संज्ञान 10 जुलाई को एयरलाइन द्वारा प्रस्तुत स्वैच्छिक रिपोर्ट के जरिए मिला,जिसके बाद नियामक ने एयरलाइन के परिचालन की जाँच की। दस्तावेजों आदि की जाँच भी इसमें शामिल थी।
डीजीसीए ने जाँच के बाद बयान में कहा कि,जाँच के आधार पर प्रथम दृष्टया कई पदधारकों तथा कर्मचारियों द्वारा नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने का पता चला है। एयर इंडिया के अधिकारियों और कर्मचारियों के ओर से किए गए कई नियमों की अनदेखी से सुरक्षा पर काफी असर पड़ सकता था।
डीजीसीए ने आगे कहा कि,22 जुलाई को विमान से संबंधित कमांडर और डीजीसीए एप्रूव्ड एयर इंडिया एयरलाइन के पदधारकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। संबंधित व्यक्तियों ने जो उत्तर प्रस्तुत किए,वह संतोषजनक नहीं पाए गए।
इसलिए मौजूदा नियमों/विनियमों के प्रावधानों के तहत डीजीसीए ने प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की और उपरोक्त जुर्माना लगाया है।