अयोध्या,30 अक्टूबर (युआईटीवी)- भगवान राम की नगरी अयोध्या में आठवें दीपोत्सव की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं। इस अवसर पर अयोध्या को पूरी तरह सजाया गया है। राम की पैड़ी पर दीपों को बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। इस वर्ष, दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए यहाँ हजारों दीपों से अद्भुत कलाकृति तैयार की गई है। आईएएनएस से बातचीत में स्वयंसेवक अजय तिवारी ने बताया कि इस बार घाट पर दीपों से एक विशेष ‘दीप कलाकृति’ बनाई गई है, जबकि पिछले वर्ष यहाँ दीपों से राम दरबार का निर्माण किया गया था।
अजय ने बताया कि उन्हें डेढ़ लाख दीपों को बिछाने का लक्ष्य दिया गया था,लेकिन उन्होंने ढाई लाख से अधिक दीपों का उपयोग किया है। एक दिन बाद इन दीपों में बाती लगाई जाएगी,जिसके बाद सभी दीप जलाए जाएँगे। अजय ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव मनाया जा रहा है,जो पिछली बार की तुलना में और भी भव्य,दिव्य और नव्य होगा। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से दीपोत्सव को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की अपील करने की भी बात कही।
अयोध्या के दीपोत्सव को भव्य बनाने में बच्चों का भी योगदान रहा है। बच्चों ने लगभग दस हजार दीपों का इस्तेमाल करके राम मंदिर और धनुष बाण की आकृति बनाई है। वॉलंटियर अंजलि यादव ने कहा कि घाट पर दीपों का उपयोग कर एक राम मंदिर और धनुष बाण को दर्शाते हुए खूबसूरत कलाकृति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बार दीपोत्सव में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
अवध यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. मयंक पाल सिंह ने दीपोत्सव के कार्यक्रम के बारे में कहा कि दीपोत्सव का कार्यक्रम हर वर्ष और भव्य होता जा रहा है। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पिछले साल भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और उन्होंने इस बार भी एक उत्कृष्ट कलाकृति तैयार की है। दो से ढाई हजार दीपों का उपयोग कर राम मंदिर और धनुष बाण को बनाया गया है और लगभग दस हजार दीपों का प्रयोग पूरी सजावट में किया गया है।
अयोध्या में दीपोत्सव का जश्न 30 अक्टूबर की शाम को मनाया जाएगा, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस बार का दीपोत्सव निश्चित रूप से एक यादगार अवसर होगा, जो राम भक्ति और संस्कृति का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगभग 20 घंटे तक रामनगरी में रहेंगे। रामपथ पर देश भर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से इस महापर्व की रौनक बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री राम कथा पार्क में भगवान के स्वरूपों का राज्याभिषेक करेंगे,जिसके बाद शाम को राम की पैड़ी पर 25 लाख दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा ,जिनमें लेजर शो और इमेज प्रोटेक्शन शो शामिल हैं। इसके साथ ही, 1100 अर्चक एक साथ माँ सरयू की आरती भी करेंगे।
आतिशबाजी का विशेष शो सरयू पुल से देखने को मिलेगा,जो इस आयोजन को और भी रोमांचक बनाएगा। पहली बार 500 ड्रोन के साथ विशेष शो और फ्लेम शो का भी आयोजन किया जाएगा,जिससे दर्शकों को अद्भुत अनुभव मिलेगा।
सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि श्रीरामलला 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अपने धाम में विराजमान हुए हैं। उन्होंने लोगों से इस महापर्व में हिस्सा लेने और अपने घरों में दीप प्रज्वलित करने का आग्रह किया है, ताकि अयोध्या के दीपों के साथ समता और आत्मीयता का संदेश फैले।
डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने दीपोत्सव-2024 को ऐतिहासिक बनाने के लिए 30,000 वालंटियर्स की सहायता से 25 लाख से अधिक दीयों को प्रज्वलित करने की तैयारियाँ पूरी की हैं। मंगलवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट की अगुवाई में 30 सदस्यों ने सरयू के 55 घाटों पर दीपों की गणना की।
30 अक्टूबर को दीपोत्सव के लिए दीयों में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों का तेल उपलब्ध कराया जाएगा। 28 लाख बिछाए गए दीपों में वालंटियर्स सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे,ताकि घाट पर कोई भी तेल न गिरे। सरयू के 55 घाटों पर विवि प्रशासन ने 28 लाख दीयों को सजाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया है।
इस आयोजन की भव्यता को विश्व पटल पर दिखाने के उद्देश्य से घाट नंबर 10 पर विश्वविद्यालय परिसर के वालंटियर्स ने 80,000 दीयों से स्वास्तिक सजाया है,जो शुभता का संदेश फैलाने का कार्य करेगा। 30,000 वालंटियर्स ने कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के मार्गदर्शन में 55 घाटों पर 16 गुणे 16 दीयों का ब्लॉक बनाया है, जिसमें 256 दीए सजाए गए हैं।
दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी कार्यों को अंतिम रूप दे दिया है। इस बार का दीपोत्सव न केवल अयोध्या बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण अवसर होगा,जो राम की भक्ति और संस्कृति का प्रतीक बनेगा।