तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन

डीएमके ने परिसीमन प्रक्रिया का देशव्यापी विरोध करने का आह्वान किया

चेन्नई,10 मार्च (युआईटीवी)- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भारत में प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास का विरोध तेज कर दिया है। पार्टी का तर्क है कि 2011 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण करने से उत्तरी राज्यों को अधिक जनसंख्या वृद्धि के साथ लाभ होगा,जिससे तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू किया है।

हाल ही में डीएमके सांसदों के साथ हुई बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए:

* केवल हाल की जनसंख्या के आँकड़ों के आधार पर किसी भी परिसीमन का विरोध करके तमिलनाडु के संसदीय प्रतिनिधित्व की रक्षा करना।

* अन्य प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर ऐसे उपायों का विरोध करना जो सफल जनसंख्या नियंत्रण प्रयासों को दंडित कर सकते हैं।

* परिसीमन प्रक्रिया में राज्य के अधिकारों को बनाए रखने के लिए विपक्ष के भारत ब्लॉक और अन्य लोकतांत्रिक ताकतों के साथ मिलकर काम करें।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क किया है और परिसीमन अभ्यास को संघवाद पर “स्पष्ट हमला” करार दिया है,जो जनसंख्या नियंत्रण और सुशासन को प्राथमिकता देने वाले राज्यों को अनुचित रूप से दंडित करता है।

डीएमके आगामी संसदीय सत्र में इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रही है,ताकि प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाया जा सके।

यह घटनाक्रम भारत के संघीय ढाँचे के भीतर प्रतिनिधित्व और क्षेत्रीय हितों के बीच संतुलन बनाने पर चल रही बहस को रेखांकित करता है।