मस्क,ट्रंप और रामास्वामी(तस्वीर क्रेडिट@kaankit)

डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को अहम जिम्मेदारी दी,दोनों संभालेंगे नया डिपार्टमेंट

न्यूयॉर्क,13 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दो प्रमुख उद्योगपतियों एलन मस्क तथा विवेक रामास्वामी को एक नए और अनूठे सरकारी विभाग,डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) के लिए नियुक्त किया है। इन दोनों उद्योगपतियों का काम सरकार को सलाह देना होगा। यह विभाग अमेरिकी सरकार के प्रशासनिक सुधारों, फिजूलखर्ची में कटौती और नियमों के पुनर्गठन पर केंद्रित होगा। इस नई पहल का उद्देश्य अमेरिकी सरकार को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।

ट्रंप ने इन नियुक्तियों की घोषणा करते हुए कहा कि डीओजीई “संभवतः हमारे समय का मैनहट्टन प्रोजेक्ट” बन सकता है। मैनहट्टन प्रोजेक्ट,जैसा कि इतिहास में जाना जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा परमाणु हथियारों के निर्माण की एक अत्यंत गोपनीय और समयबद्ध योजना थी। इस संदर्भ में ट्रंप ने मस्क और रामास्वामी की क्षमताओं पर यह मानते हुए भरोसा जताया है कि उनके नेतृत्व में अमेरिकी सरकार के कामकाज में मौलिक सुधार संभव होंगे।

एलन मस्क, जो कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं, पहले ही विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक उद्योगों में अपनी नवोन्मेषी दृष्टि और नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। वे टेस्ला, स्पेसएक्स और एक्स (पूर्व ट्विटर) जैसी कंपनियों के प्रमुख हैं। मस्क ने डीओजीई में अपने संभावित योगदान को लेकर उत्साह जताते हुए कहा कि इस विभाग के माध्यम से वे सरकारी खर्चों में कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करने का लक्ष्य रखते हैं। मस्क का यह दावा है कि उनकी पहल के जरिए अमेरिकी सरकार में सुधार की गति तेज होगी और जो भी बेकार खर्च या प्रशासनिक जटिलताएँ होंगी,उन्हें समाप्त किया जाएगा। उनका कहना था, “डीओजीई की सभी कार्रवाइयों को ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा,ताकि अधिकतम पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।”

वहीं, विवेक रामास्वामी, जो कि एक भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति और फार्मास्युटिकल कंपनी के संस्थापक हैं,इस नई पहल में मस्क के सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे। रामास्वामी ने पहले रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था,लेकिन बाद में उन्होंने ट्रंप का समर्थन किया। उनके साथ मिलकर,मस्क और रामास्वामी ने अमेरिकी प्रशासन में बर्बादी को कम करने और सरकारी संरचनाओं को फिर से व्यवस्थित करने का संकल्प लिया है।

हालाँकि,विभाग की संरचना और कार्यप्रणाली के बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि डीओजीई का नेतृत्व कैबिनेट स्तर पर होगा या नहीं और क्या इसे सीनेट द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस विभाग के माध्यम से उन्हें उम्मीद है कि न केवल सरकार के खर्चों में कटौती की जाएगी, बल्कि संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन और नौकरशाही की कमी की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएँगे।

यह कदम अमेरिकी प्रशासन के लिए एक साहसिक और असामान्य पहल हो सकता है। मस्क और रामास्वामी जैसे उद्योगपतियों की नियुक्ति से यह साफ़ है कि ट्रंप का प्रशासन एक व्यापारिक दृष्टिकोण और नवोन्मेष के जरिए सरकारी कामकाज में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे इस विभाग के गठन के साथ सरकारी खर्चों में कटौती और प्रशासनिक सुधार के प्रयासों का व्यावहारिक रूप से क्रियान्वयन होता है।