नई दिल्ली, 5 मई (युआईटीवी/आईएएनएस)- कोविड-19 महामारी की दूसरी उग्र लहर के मद्देनजर मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत से निपटने के लिए, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिल्ली और हरियाणा में पांच मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में एम्स ट्रॉमा सेंटर, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डि ग मेडिकल कॉलेज में चार प्लांट लगाए जा रहे हैं, जबकि पांचवां प्लांट हरियाणा के एम्स-झज्जर में लगाया जा रहा है।
तय कार्यक्रम के अनुसार, इनमें से दो संयंत्र मंगलवार को दिल्ली पहुंच गए और एम्स ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में स्थापित किए जा रहे हैं।
इन्हें ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर द्वारा आपूर्ति की गई है, जो डीआरडीओ का प्रौद्योगिकी भागीदार है। डीआरडीओ ने कहा कि कंपनी को 48 प्लांट के लिए ऑर्डर दिया गया है, जबकि 332 प्लांट के लिए ऑर्डर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के पास रखा गया है।
यह सुनिश्चित करने के लिए वितरण कार्यक्रम की बहुत बारीकी से निगरानी की जा रही है कि पौधों को समय पर स्थापित किया गया है। प्रत्येक अस्पताल में स्थल तैयार किए जा रहे हैं जहां पौधे लगाए जाएंगे।
ये मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट 1,000-लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की प्रवाह दर के लिए डिजाइन किए गए हैं। प्रणाली 5 एलपीएम की प्रवाह दर पर 190 रोगियों को पूरा कर सकती है और प्रति दिन 195 सिलेंडर चार्ज कर सकती है।
मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक को डीआरडीओ द्वारा एलसीए काज के लिए ओनाबार्ड ऑक्सीजन जनरेशन पर आधारित विकसित किया गया है।
ये संयंत्र ऑक्सीजन परिवहन के लॉजिस्टिक मुद्दों को दूर करेंगे और कोविड-19 रोगियों को आपातकाल में मदद करेंगे।
डीआरडीओ ने कहा, सीएसआईआर ने अपने उद्योगों के माध्यम से 120 एमओपी प्लांट लगाने का भी आदेश दिया है।