नई दिल्ली,30 मार्च (युआईटीवी)- म्यांमार में हाल ही में आए भूकंप से भारी तबाही मची है और इस मुश्किल घड़ी में भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इस कड़ी में शनिवार को ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारत का एक और सी-130 विमान म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में लैंड हुआ,जिससे राहत सामग्री और बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं। यह विमान 38 एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) के कर्मियों और 10 टन राहत सामग्री के साथ भेजा गया है। इस सहायता में खाने-पीने की वस्तुएँ, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल हैं,जिन्हें प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किया जाएगा।
भारत की यह पहल म्यांमार में आई भूकंप की आपदा के बाद प्रभावित लोगों की मदद के लिए उठाया गया एक अहम कदम है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इस बात की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “एक और सी-130 विमान एनडीआरएफ के 38 कर्मियों और 10 टन राहत सामग्री के साथ राजधानी शहर नेपीडॉ में उतरा। यह आज म्यांमार में राहत सहायता लाने वाला तीसरा भारतीय विमान है। ऑपरेशन ब्रह्मा।” यह कदम भारत की म्यांमार के प्रति एकजुटता और मानवीय सहायता के प्रयासों को दर्शाता है।
भारत का ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ म्यांमार में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए किया जा रहा एक व्यापक राहत अभियान है। एनडीआरएफ के कर्मी विशेष रूप से बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे,जबकि राहत सामग्री का वितरण प्रभावित क्षेत्रों में किया जाएगा। म्यांमार में भूकंप के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं और कई जगहों पर मलबा गिरने से राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। भारत ने इस संकट के दौरान म्यांमार के साथ खड़ा होकर अपने सहयोग का परिचय दिया है।
इससे पूर्व, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक ब्रीफिंग में जानकारी दी थी कि मानवीय सहायता अभियान के तहत दो भारतीय नौसैनिक जहाज भी म्यांमार के लिए रवाना होंगे। इसके साथ ही आगरा से 118 सदस्यों वाला एक फील्ड अस्पताल भी बाद में भेजा जाएगा,जो इस भूकंप से प्रभावित लोगों के इलाज में सहायक होगा। भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि म्यांमार को राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएँ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कठिन समय में म्यांमार के साथ भारत की एकजुटता व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बात की और भूकंप के कारण हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री,मानवीय सहायता,खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत,एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में,म्यांमार के लोगों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। म्यांमार में आई इस भूकंप की आपदा ने ना केवल म्यांमार,बल्कि आसपास के देशों को भी प्रभावित किया। भारत ने इस संकट के दौरान अपने सहयोगी देशों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है और मानवीय सहायता भेजने का कार्य किया है।
म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था,जिसका केंद्र सागाइंग क्षेत्र था। इसके बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 बाद के झटके महसूस किए गए,जिससे प्रभावित इलाकों में स्थिति और खराब हो गई। म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम के अनुसार,इस भूकंप में अब तक 1,002 लोग मारे गए, 2,376 लोग घायल हुए और 30 लोग अब भी लापता हैं। भूकंप के कारण भारी पैमाने पर तबाही मची है और बुनियादी ढाँचा भी काफी नुकसान में है।
म्यांमार के नेता,वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने इस भूकंप के बाद स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की थी। म्यांमार के अलावा, थाईलैंड में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे और इसके बाद चीन और भारत के कुछ हिस्सों में भी हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप ने पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया में खलबली मचा दी है और मदद की आवश्यकता तुरंत उत्पन्न हुई है।
भारत ने म्यांमार के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया है। भारतीय राहत सामग्री और बचाव दल म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में राहत कार्यों को प्राथमिकता देंगे। इसके अलावा,भारतीय नौसैनिक जहाज और फील्ड अस्पताल भी म्यांमार की मदद के लिए भेजे जा रहे हैं,ताकि वहाँ के प्रभावित लोगों की तुरंत मदद की जा सके।
इस बीच,भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से म्यांमार के लोग और सरकार को हर संभव सहायता देने की बात की गई है। उन्होंने भारतीयों से आग्रह किया कि वे अपनी सरकार के प्रयासों का समर्थन करें और इस भूकंप के बाद म्यांमार के साथ मिलकर इस संकट से उबरने में मदद करें।
भारत का यह कदम न केवल एक मानवीय कार्य है,बल्कि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत करेगा। इस प्रकार की सहायता संकट की घड़ी में देश की कूटनीति और मानवीय मूल्य दोनों को उजागर करती है। इस राहत अभियान के तहत भारत ने म्यांमार को अपना समर्थन देने का स्पष्ट संदेश दिया है, जो संकट के समय सच्चे मित्र का परिचय होता है।