तिरुवनंतपुरम, 27 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- केरल पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम ने नकली एंटीक डीलर मोनसन मावुंकल को रविवार को कोच्चि से कई लोगों से 10 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह भोले-भाले लोगों से पैसे इकट्ठा करता था, यह कहते हुए कि उसके पास एक विदेशी बैंक में बहुत बड़ी राशि है, लेकिन उसे इसे फिर से पाने के लिए कुछ धन की जरूरत थी, क्योंकि यह कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण फंस गया था।
फिल्मों के वित्तपोषण में बिचौलिए के रूप में काम कर चुके मावुंकल ने दावा किया कि उन्होंने ब्रुनेई के सुल्तान और यूएई के शाही परिवार को प्राचीन वस्तुएं बेचीं और उन्हें अपने बैंक खाते में 2,62,000 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी।
नकली कला डीलर को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम का नेतृत्व करने वाले कोच्चि अपराध शाखा के अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा, हमने मोनसन मावुंगल को गिरफ्तार कर लिया है। उनके बयानों और वास्तविकता के बीच बहुत सी विसंगतियां हैं। उनके सभी दावों को सत्यापित किया जा रहा है और हमें करना होगा पता करें कि क्या उसने और लोगों को धोखा दिया है।
मावुंकल दावा करता था कि उसके पास मूसा की लाठी और 30 चांदी के सिक्कों में से दो सिक्के हैं जो यहूदा ने यीशु मसीह को धोखा देने के लिए लिए थे।
पुलिस ने कहा कि उसने इन दुर्लभ वस्तुओं का प्रदर्शन किया था, एक सिंहासन जिसे टीपू सुल्तान द्वारा इस्तेमाल किया गया था, साथ ही साथ पुराने कुरान, बाइबिल (ओल्ड टेस्टामेंट और न्यू टेस्टामेंट) का एक विशाल संग्रह, और भगवद गीता की पुरानी हस्तलिखित प्रतियों का प्रदर्शन किया था।
मावुंकल कई वीआईपी को अपने महलनुमा आवास में लाते थे, जिसके एक हिस्से को उनकी ‘कीमती’ प्राचीन वस्तुओं को रखने के लिए संग्रहालय में बदल दिया गया था।
पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उसने जितना पैसा खुले में दिया उससे कहीं ज्यादा इकट्ठा किया था और जिन लोगों ने उसे पैसे दिए थे, उनमें से ज्यादातर के पास ‘काला धन’ या बेहिसाब धन था, उन्हें उम्मीद थी कि वे पुलिस से शिकायत नहीं करेंगे।
प्राचीन वस्तु उद्योग के प्रतिनिधियों ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि उन्होंने कई शिकायतें दर्ज कराई थीं कि वह नकली प्राचीन वस्तुएं बेच रहा था और इससे खरीदारों के बीच भी उनकी छवि खराब होती, लेकिन उनके उच्च संपर्को के कारण, कुछ नहीं हुआ।
मावुंकल की गिरफ्तारी याकूब खान और उसके चार सहयोगियों द्वारा दायर एक शिकायत के बाद हुई, जिन्होंने उसे 10 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।