नई दिल्ली, 6 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन बुधवार को 42वें दिन जारी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेता इस समय ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में जुटे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान किया है। पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस बताया कि आंदोलन तेज करने और कल (गुरुवार) के कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब से भी लोग ट्रैक्टर के साथ पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भी ट्रैक्टर के साथ गुरुवार को होने वाली रैली के लिए पहुंच रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि सात जनवरी को होने वाला ट्रैक्टर मार्च 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड का एक ट्रेलर होगा।
किसानों की मांगों को लेकर सोमवार को सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद किसान यूनियनों के नेताओं ने सात जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला लिया। हालांकि, इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने वार्ता विफल होने पर छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था, लेकिन मौसम खराब रहने के पूवार्नुमान को देखते हुए ट्रैक्टर मार्च का कार्यक्रम एक दिन बाद सात मार्च को रखने का निर्णय लिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन तेज करने को लेकर छह जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक देशभर में जनजागरण अभियान चलाने के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों का भी एलान किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 9 जनवरी को सर चौधरी छोटूराम की पुण्य तिथि पर सभी मोचरें पर उनको याद किया जाएगा। सर छोटूराम को एक किसान नेता के रूप में याद किया जाता है। इसके बाद 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकरसंक्रांति को किसान संकल्प दिवस के रूप में मनाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इस मसले के समाधान के किसान सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है।