विदेश मंत्री एस.जयशंकर (तस्वीर क्रेडिट@Ashukhabar1st)

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने अमेरिका से 104 भारतीयों की वापसी पर संसद में बोले- निर्वासन प्रक्रिया कोई नई बात नहीं

नई दिल्ली,7 फरवरी (युआईटीवी)- विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने अमेरिका से 104 भारतीयों की वापसी पर राज्यसभा में कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है,बल्कि यह तो कई वर्षों से चल रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सभी देशों का कर्तव्य है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं,तो उन्हें वापस लिया जाए। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो।

इस बीच,104 अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला जत्था बुधवार को अमेरिकी सैन्य विमान के माध्यम से पंजाब के अमृतसर पहुँचा। इनमें सबसे अधिक लोग हरियाणा और गुजरात से हैं। हरियाणा के 33 लोग और गुजरात के भी 33 लोग। इसके अलावा, 30 निर्वासित लोग पंजाब के निवासी थे। अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ से भी कुछ लोग निर्वासित हुए हैं। यह अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 था,जो कड़ी सुरक्षा के बीच श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा।

निर्वासित लोगों में 25 महिलाएँ और 12 नाबालिग शामिल हैं,जिनमें से सबसे कम उम्र का यात्री केवल चार साल का है। 48 निर्वासित लोग 25 साल से कम उम्र के हैं, जो इस स्थिति को और भी संवेदनशील बनाता है। विमान में 11 चालक दल के सदस्य और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करने वाले 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार थे।

यह प्रक्रिया अमेरिकी सरकार की ओर से की जा रही है,जिसमें भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवासी के रूप में पहचान कर वापस भेजा जा रहा है। प्यू रिसर्च सेंटर के आँकड़ों के अनुसार,भारत से लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी अमेरिका में रह रहे हैं। मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद,भारतीय अप्रवासियों की संख्या अनधिकृत प्रवासियों के बीच तीसरी सबसे बड़ी आबादी है।

अमेरिकी सरकार द्वारा भारत से अवैध प्रवासियों की निर्वासन प्रक्रिया को तेज़ किया जा रहा है और भारत सरकार भी इस मुद्दे पर अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत कर रही है। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और साथ ही यह आश्वासन दिया कि भारतीय सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लौटने वाले नागरिकों के साथ कोई भेदभाव या दुर्व्यवहार न हो।

यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है,क्योंकि अमेरिकी प्रशासन अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए प्रयासरत है,जबकि भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है।