बेंगलुरु,22 अप्रैल (युआईटीवी)- बिहार के 1981 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के प्रतिष्ठित अधिकारी ओम प्रकाश ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (डीजी एवं आईजीपी) के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपना करियर बल्लारी जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में शुरू किया और मार्च 2015 में उन्हें राज्य का शीर्ष पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया।
20 अप्रैल, 2025 को 68 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट में अपने घर पर कई चाकूओं के घावों के साथ मृत पाया गया। उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी क्रुति घटनास्थल पर मौजूद थीं। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि इस घटना का कारण घरेलू विवाद,संभवतः संपत्ति के मामले हो सकते हैं। कथित तौर पर पल्लवी ने एक दोस्त को वीडियो कॉल के दौरान इस कृत्य को कबूल किया,जिसमें कहा गया था, “मैंने राक्षस को मार दिया है।” जाँच जारी रहने के दौरान उसे और उसकी बेटी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
ओम प्रकाश की असामयिक मृत्यु ने कानून प्रवर्तन समुदाय को झकझोर कर रख दिया है तथा उन लोगों के बीच भी व्यक्तिगत संबंधों की जटिलताओं को उजागर किया है,जिन्होंने कानून को बनाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।