मुंबई, 13 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- देश में कोरोना का प्रकोप दोबारा गहराने से बने निराशा के माहौल में दलाल स्ट्रीट पर सोमवार को कोहराम का आलम रहा। बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स् 1708 अंक लुढ़ककर 47,883 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 524 अंक टूटकर 14,310 पर ठहरा। कोरोनासंक्रमण के मामले बढ़ने और इसकी रोकथाम के लिए किए गए प्रतिबंधात्मक उपायों से आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले असर को भापंते हुए निवेशकों में बिकवाली का मूड बना रहा। इससे पहले सोमवार की सुबह आई रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे में पूरे देश में कोरोनावायरस संक्रमण के 1.69 लाख नये केस सामने आए हैं।
सेंसेक्स बीते सत्र से 1707.94 अंकों यानी 3.44 फीसदी की गिरावट के साथ 47,883.38 पर कारोबार बंद हुआ जबकि निफ्टी बीते सत्र से 524.05 अंकों यानी 3.53 फीसदी की गिरावट के साथ 14,310.80 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 634.67 अंकों की गिरावट के साथ 48,956.65 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 47,693.44 तक फिसला। सेंसेक्स के 30 शेयरों में सिर्फ एक शेयर में बढ़त रही जबकि 29 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी बीते सत्र से 190.20 अंकों की कमजोरी के साथ 14,644.65 पर खुला और 14,652.50 तक चढ़ने के बाद फिसलकर 14,248.70 पर आ गया। निफ्टी के सिर्फ चार शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 46 शेयरों में गिरावट रही।
बीएसई का मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 1,105.42 अंकों यानी 5.32 फीसदी की गिरावट के साथ 19,656.75 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप सूचकांक बीते सत्र से 1,039.84 अंकों यानी 4.81 फीसदी की गिरावट के साथ 20,557.01 पर ठहरा।
सेंसेक्स के पांच सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक (8.60 फीसदी), बजाज फाइनेंस (7.39 फीसदी), एसबीआईएन (6.87 फीसदी), ओएनजीसी (5.54 फीसदी) और टाइटन (5.24 फीसदी) शामिल रहे जबकि डॉ. रेड्डी (4.83 फीसदी) की तेजी रही।
बीएसई के सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों में रियल्टी (7.70 फीसदी), औद्योगिक (5.93 फीसदी), धातु (5.65 फीसदी), आधारभूत सामग्री (5.28 फीसदी) और ऑटो (5.15 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई पर कुल 3,464 शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 620 शेयर तेजी के साथ बंद हुए जबकि 2,641 शेयरों में गिरावट रही। कारोबार के आखिर में 203 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
जानकार बताते हैं कि देश में कोरोना का कहर बढ़ने और उसकी रोकथाम के लिए किए गए उपायों से आर्थिक गतिविधियां चरमराने की आशंकाओं से निवेशकों में नकारात्मक रुझान होने से बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है।
इस साल फरवरी महीने में औद्योगिक उत्पादन में 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन मे इस साल फरवरी के दौरान 3.7 फीसदी की गिरावट रही जबकि खनन क्षेत्र के उत्पादन में 5.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।