ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज

ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव की हुई घोषणा,3 मई को होगा मतदान,पीएम एंथनी अल्बनीज ने की घोषणा

कैनबरा,28 मार्च (युआईटीवी)- ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने 3 मई को होने वाले आम चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए शुक्रवार को गवर्नर जनरल सैम मोस्टिन से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद,उन्होंने संघीय संसद को भंग करने की घोषणा की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया की 48वीं संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया 3 मई से शुरू होगी। यह चुनाव ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा,जिसमें प्रधानमंत्री अल्बनीज और उनकी सत्तारूढ़ लेबर पार्टी, विपक्षी नेता पीटर डुट्टन की लिबरल और नेशनल पार्टी के गठबंधन के खिलाफ खड़ी होंगी।

पार्लियामेंट में गवर्नर जनरल के साथ मुलाकात करने के बाद अल्बनीज ने संसद भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस चुनाव में मतदाता “आगे का रास्ता चुनेंगे”। उनका कहना था, “हम यह तय नहीं कर सकते कि हमें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन हम यह तय कर सकते हैं कि हम कैसे जवाब देंगे।” उन्होंने कहा, “आपका वोट पहले कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा।” यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि इस चुनाव में ऑस्ट्रेलिया की भविष्य की दिशा तय होगी और यह जनता के हाथों में है।

इस चुनाव को लेकर ऑस्ट्रेलिया में पाँच सप्ताह का चुनावी अभियान चलने वाला है। चुनाव के परिणाम से यह तय होगा कि देश का अगला नेतृत्व कौन करेगा। इस समय, जनमत सर्वेक्षणों ने संकेत दिया है कि चुनाव में कड़ी टक्कर होने वाली है और परिणाम की कोई स्पष्ट भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अल्बनीज की लेबर पार्टी ने इस चुनाव के लिए अपनी ताकत झोंक दी है,जबकि विपक्षी नेता पीटर डुट्टन और उनकी गठबंधन सरकार के खिलाफ कड़ी चुनौती पेश करेंगे।

हाल ही में, 62 वर्षीय अल्बनीज सरकार ने अपने वार्षिक बजट को जारी किया, जिसमें कर कटौती और कई आकर्षक घोषणाएँ की गईं,ताकि मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके। यह बजट एक रणनीतिक कदम था,ताकि चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाया जा सके। बजट में किए गए कर कटौती ने यह संदेश दिया कि सरकार ने अपनी आर्थिक नीतियों को सुधारने का प्रयास किया है,जो कि चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।

इस बीच, कंजर्वेटिव विचारधारा वाले नेता 54 वर्षीय पीटर डुट्टन ने अल्बनीज की सरकार की आलोचना की है। डुट्टन का आरोप है कि अल्बनीज का नेतृत्व “कमजोर” है और उनकी सरकार की उदार नीतियों से मुद्रास्फीति में वृद्धि हो रही है। डुट्टन ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा प्रस्तावित योजनाओं से देश की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है,जैसे कि उन्होंने औद्योगिक पैमाने पर परमाणु रिएक्टरों के निर्माण की योजना बनाई है। डुट्टन का कहना है कि यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है,जिससे ऊर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

हालाँकि,अल्बनीज के नेतृत्व में मुद्रास्फीति कम हुई है,जो 2022 में 7.8 प्रतिशत थी और दिसंबर 2023 तक घटकर 2.4 प्रतिशत पर आ गई। इसके बावजूद कई परिवार उच्च खाद्य,ईंधन और बिजली की कीमतों से जूझ रहे हैं,जिससे सरकार के सामने चुनौती बनी हुई है। इसके अलावा,ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर जैसे सिडनी और मेलबर्न अब दुनिया के सबसे कम-किफायती आवास बाजारों में शुमार हो गए हैं। यह भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है,जो चुनाव के परिणामों पर असर डाल सकता है, क्योंकि आवास की कीमतें आम आदमी के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुकी हैं।

ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में लंबे समय से अल्बनीज की वामपंथी लेबर पार्टी और डुट्टन के दक्षिणपंथी लिबरल पार्टी का दबदबा रहा है। दोनों दल राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा पर सामान्यतः सहमत रहे हैं और दोनों ही ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंधों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालाँकि,चीन को लेकर दोनों दलों के दृष्टिकोण में अंतर रहा है। अल्बनीज ने अपने शासनकाल में प्रमुख व्यापारिक साझेदार चीन के साथ संबंधों को बढ़ावा दिया है और 2023 में बीजिंग की एक सफल यात्रा की,जिससे वह सात वर्षों में चीन यात्रा करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई नेता बन गए। यह यात्रा ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

इससे पहले,कंजर्वेटिव सरकार के दौरान चीन की कड़ी आलोचना की जाती थी, जिसके कारण दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया था। इस व्यापार युद्ध के कारण ऑस्ट्रेलिया को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था और यह संकट 2024 तक जारी रहने का अनुमान था। अल्बनीज के नेतृत्व में,ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं और यह चुनावी मुद्दा बन सकता है,खासकर उन मतदाताओं के लिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर गहरे चिंतित हैं।

यह चुनाव ऑस्ट्रेलिया के भविष्य की दिशा को तय करने के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसके परिणाम देश की आर्थिक नीतियों,विदेश नीति और घरेलू मुद्दों जैसे आवास संकट,मुद्रास्फीति और जीवन यापन की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। अल्बनीज और डुट्टन के बीच मुकाबला कड़ा होगा और यह चुनाव ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला सकता है।