त्बिलिसी (जॉर्जिया),17 दिसंबर (युआईटीवी)- यूरोपीय देश जॉर्जिया के गुडौरी शहर में स्थित एक भारतीय रेस्त्रां में काम करने वाले 11 भारतीय नागरिकों की मौत की घटना ने सभी को शोक में डुबो दिया है। इस घटना पर जॉर्जिया में भारतीय दूतावास ने गहरा दुख व्यक्त किया है। सोमवार को,भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक प्रेस वक्तव्य जारी किया,जिसमें उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर संवेदना व्यक्त की और बताया कि वे इस मामले में सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय दूतावास ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा, “त्बिलिसी स्थित भारतीय दूतावास जॉर्जिया के गुडौरी शहर में 11 भारतीय नागरिकों की मृत्यु के बारे में जानकर बहुत दुखी है। हम इस दुखद घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।” इसके साथ ही,दूतावास ने यह भी कहा कि वे इस मामले की जाँच में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं,ताकि मृतकों के शवों को शीघ्र भारत भेजा जा सके। दूतावास ने यह भी उल्लेख किया कि वे शोक में डूबे परिवारों के संपर्क में हैं और उन्हें हर प्रकार की सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
घटना के अनुसार,गुडौरी स्थित एक भारतीय रेस्त्रां में काम करने वाले ये भारतीय नागरिक उस समय मृत पाए गए,जब वहाँ एक दुर्घटना हुई। इस हादसे की जाँच जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों में यह बात सामने आई है कि इन लोगों की मौत संभवतः कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण हुई हो सकती है,जो एक अत्यधिक खतरनाक गैस होती है और बिना किसी गंध के होती है,जिससे लोग इसे महसूस नहीं कर पाते।
जॉर्जिया के गृह मंत्रालय ने 14 दिसंबर को एक बयान जारी किया,जिसमें बताया गया कि आंतरिक मामलों के मंत्रालय के पुलिस विभाग ने गुडौरी में हुई इस दुर्घटना के संबंध में जाँच शुरू कर दी है। इस जाँच को जॉर्जिया के आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 116 के तहत लापरवाही से हत्या का मामला मानकर चलाया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि घटनास्थल पर 12 शव मिले थे,जिनमें 11 भारतीय नागरिक और 1 जॉर्जियाई नागरिक शामिल थे।
प्रारंभिक जाँच में यह पाया गया कि शवों पर किसी प्रकार के बाहरी चोट के निशान नहीं थे,जिससे यह संकेत मिलता है कि मौत की वजह कुछ और हो सकती है। जाँचकर्ताओं ने यह पाया कि जहाँ ये शव मिले,वहाँ बेडरूम के पास एक बंद जगह में एक बिजली जनरेटर रखा हुआ था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस जनरेटर को बिजली आपूर्ति बंद होने के बाद चालू किया गया होगा,जिससे कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का स्तर बढ़ गया होगा और उसकी वजह से यह हादसा हुआ।
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि जाँच टीम मौके पर मौजूद है और फोरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों की मदद से गहन जाँच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मामले से संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और जाँच कार्रवाई सक्रिय रूप से की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मौत के सही कारण को जानने के लिए पूरी सक्रियता से काम कर रहे हैं,ताकि इस घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
इस घटना के बाद जॉर्जिया में भारतीय दूतावास ने भी अपनी भूमिका निभाई है। वे स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं। दूतावास का कहना है कि वे जल्द ही शवों को भारत भेजने की प्रक्रिया पूरी करने में मदद करेंगे। इसके साथ ही,उन्होंने यह भी कहा कि शोक संतप्त परिवारों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा जाएगा,ताकि उन्हें इस कठिन समय में उचित सहायता मिल सके।
यह घटना जॉर्जिया में भारतीय नागरिकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। भारतीय दूतावास ने इस दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में आगे की जाँच और कार्रवाई के बाद ही वास्तविक कारण और इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल पाएगी।
इस समय यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रेस्त्रां के मालिक या कर्मचारियों ने जनरेटर के उपयोग के दौरान सुरक्षा सावधानियों का पालन किया था या नहीं,लेकिन कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की घटना एक गंभीर समस्या है,जो किसी भी बंद स्थान पर जनरेटर का उपयोग करते समय उत्पन्न हो सकती है। जॉर्जिया की पुलिस और स्थानीय अधिकारी इस मामले की गहन जाँच कर रहे हैं और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
इस घटना ने जॉर्जिया में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के परिवारों और समुदाय में एक गहरी शोक लहर फैला दी है। भारतीय दूतावास और जॉर्जियाई अधिकारियों का कहना है कि वे इस संकट की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं।