जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और विदेश मंत्री जयशंकर (तस्वीर क्रेडिट @DrSJaishankar)

भारत दौरे पर आईं जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ विदेश मंत्री जयशंकर ने कई मुद्दों पर चर्चा की

नई दिल्ली,26 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारत दौरे पर आईं जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ हुई बैठक में दोनों देशों के बीच वैश्विक और समकालीन मुद्दों पर चर्चा की गई,जो भारत तथा जर्मनी के मध्य के सहयोग एवं समन्वय को चिह्नित करती है। इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जर्मनी के वाइस चांसलर और आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हेबेक के साथ भी सार्थक वार्ता की। यह चर्चा सातवें भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक का हिस्सा थी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि आईजीसी की बैठक सफल रही। बेयरबॉक तथा हेबेक के साथ अपनी अलग-अलग बैठकों की तस्वीरें को उन्होंने साझा कीं। एक्स पर उन्होंने लिखा कि,”जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक से आज आईजीसी के सफल बैठक के बाद मुलाकात हुई और उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई। कई क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।हमारी रणनीतिक साझेदारी अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करते हुए और भी गहरी होती जा रही है।” यह बयान भारत और जर्मनी के बीच लगातार मजबूत होते संबंधों की पुष्टि करता है।

अपनी भारत यात्रा के दौरान रॉबर्ट हेबेक ने शुक्रवार को कई मंत्रियों के साथ बातचीत की। जयशंकर ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि उनके साथ “अच्छी बातचीत” हुई और दोनों देशों के नेताओं ने आपस में वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श की। उन्होंने लिखा,जर्मनी के वाइस-चांसलर और आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हेबेक के साथ अच्छी बातचीत हुई। सामरिक और आर्थिक दोनों तरह की समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर हमने अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर तक पहुँचने के लिए हेबेक ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ दिल्ली मेट्रो से यात्रा की। जर्मनी से आए अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान गोयल ने कहा कि, “हमारा प्रयास भविष्य के लिए तैयार शहरों का निर्माण करना है,जो बड़ी मात्रा में यातायात को संभालने में सक्षम हों।”

इसके अलावा, एशिया-प्रशांत सम्मेलन के दौरान हेबेक ने भारत की भूमिका को एक बड़े और महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ सहयोग से वैश्विक आर्थिक बदलाव में स्थिरता और विकास की संभावना बढ़ती है।

इस प्रकार, जर्मनी और भारत के मध्य की यह बातचीत न केवल सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है,बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। दोनों देशों के बीच का यह सहयोग आने वाले समय में कई क्षेत्रों में और अधिक गहरा होने की संभावना है।