गूगल (तस्वीर क्रेडिट@AbhayKPandit)

गूगल ने एंड्रॉयड,पिक्सेल और क्रोम टीम से सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया

नई दिल्ली,11 अप्रैल (युआईटीवी)- तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अल्फाबेट इंक की प्रमुख इकाई गूगल ने एक बार फिर संगठनात्मक पुनर्गठन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को कंपनी के उत्पादों में गहराई से एकीकृत करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है। यह छंटनी मुख्य रूप से उन विभागों में की गई है,जो एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर, पिक्सेल स्मार्टफोन और क्रोम ब्राउज़र के विकास और संचालन से जुड़े थे। प्रतिष्ठित टेक पोर्टल ‘द इनफॉर्मेशन’ की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

गूगल द्वारा यह छंटनी ऐसे समय में की गई है,जब कंपनी पहले ही वर्ष 2025 की शुरुआत में एक स्वैच्छिक एग्जिट प्रोग्राम चला चुकी थी। उस समय,गूगल ने अपने कुछ यूनिट्स के कर्मचारियों को खुद से कंपनी छोड़ने का विकल्प दिया था। हालाँकि,अब एआई और हार्डवेयर एकीकरण की प्रक्रिया के तहत,जबरन छंटनी की जा रही है,ताकि संसाधनों का पुनः आवंटन किया जा सके।

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के एंड्रॉइड,क्रोम,क्रोम ओएस,गूगल फोटोज, गूगल वन, पिक्सल, फिटबिट और नेस्ट जैसे विभागों में मिलाकर करीब 25,000 कर्मचारी काम करते हैं। इन टीमों में से सैकड़ों कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ा है।

साल 2024 में गूगल ने अपने एंड्रॉयड और हार्डवेयर यूनिट्स को सीनियर वाइस प्रसिडेंट रिक ओस्टरलो के नेतृत्व में मर्ज कर दिया था। इस मर्जर का उद्देश्य गूगल के सभी प्रमुख उत्पादों में एआई क्षमताओं को एकीकृत करना और संपूर्ण ऑपरेशन को अधिक कुशल,स्मार्ट और समन्वित बनाना था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब कंपनी ने उन कर्मचारियों को हटाया है,जिनकी भूमिकाएँ या तो डुप्लिकेट थीं या अब उतनी जरूरी नहीं रही हैं।

छंटनी का असर सिर्फ तकनीकी विभागों तक सीमित नहीं है। जन संचालन (एचआर) और गूगल क्लाउड प्रभाग में भी छंटनी की संभावनाएँ जताई जा रही हैं। आंतरिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,आने वाले महीनों में कंपनी इन डिविजनों में भी कर्मचारियों की संख्या घटा सकती है।

अल्फाबेट के आँकड़ों के अनुसार,31 दिसंबर 2024 तक कंपनी में कुल 1,83,323 कर्मचारी कार्यरत थे। यह आँकड़ा साल भर पहले की तुलना में केवल 0.45% (821 कर्मचारी) की वृद्धि दर्शाता है,जिससे स्पष्ट है कि कंपनी पहले से ही हायरिंग में सतर्कता बरत रही थी।

वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी की कुल कमाई $96.46 बिलियन रही, जो कि अपेक्षित $96.56 बिलियन से थोड़ी कम थी। हालाँकि,अंतर मामूली था, लेकिन कई प्रमुख क्षेत्रों में प्रदर्शन कमजोर रहा:

गूगल क्लाउड ने उम्मीद से 11.95 बिलियन डॉलर कम कमाई की।

वहीं यूट्यूब एडवरटाइजिंग ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया और $10.47 बिलियन की कमाई दर्ज की।

खोज, विज्ञापन और गूगल सेवाएँ जैसे मुख्य क्षेत्रों में गत वर्ष की समान तिमाही की तुलना में गिरावट देखी गई,जिसने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी।

अल्फाबेट की यह छंटनी उसकी उस रणनीति का हिस्सा है,जिसके तहत वह आने वाले वर्षों में खुद को एक एआई-ड्रिवन टेक कंपनी के रूप में स्थापित करना चाहती है। प्रतिस्पर्धा अब सिर्फ सर्च इंजन या मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब एआई मॉडल्स,चैटबॉट्स,वर्चुअल असिस्टेंट्स और इंटीग्रेटेड एआई हार्डवेयर की दुनिया में भी अपनी पकड़ बनाना जरूरी हो गया है।

मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न जैसी कंपनियों के एआई पर बढ़ते फोकस के चलते गूगल को भी अपने संसाधनों और टीम्स को नए ढाँचे में ढालना जरूरी हो गया है। यही वजह है कि अब एआई फीचर्स का इंटीग्रेशन,ऑपरेशन की दक्षता और प्रोडक्ट डेवलपमेंट की दिशा में केंद्रीकरण गूगल की प्राथमिकता बन गया है।

गूगल की यह छंटनी केवल एक साधारण आर्थिक उपाय नहीं,बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीतिक बदलाव का संकेत है। एआई-प्रमुख भविष्य की दिशा में कंपनी अपनी संरचना को नई शक्ल दे रही है। हालाँकि,इससे हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आया है और टेक इंडस्ट्री में अनिश्चितता का माहौल बढ़ा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह रणनीति गूगल को तकनीकी प्रतिस्पर्धा में कहाँ पहुँचाती है। परंतु फिलहाल के लिए,यह परिवर्तन कंपनी के अंदर और बाहर दोनों जगह गहरी हलचल मचा रहा है।