सैन फ्रांसिस्को, 17 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट अपनी दो सबसे महत्वाकांक्षी अनुसंधान परियोजनाओं — ‘रोबोटिक्स और एआई भाषा समझ’ — को एक ‘हेल्पर रोबोट’ बनाने के लिए ला रही है जो प्राकृतिक भाषा आदेशों को समझ सकता है। द वर्ज के अनुसार, 2019 से, अल्फाबेट ऐसे रोबोट विकसित कर रहा है जो पानी लाने और सफाई जैसे सरल कार्य कर सकते हैं।
अधिकांश रोबोट केवल छोटे और सरल निर्देशों का जवाब देते हैं, जैसे ‘मेरे लिए पानी की एक बोतल लाओ’, लेकिन जीपीटी-3 और गूगल के एमयूएम जैसे एलएलएम अधिक तिरछी कमांड के पीछे के इरादे को बेहतर ढंग से पहुंचा सकते हैं।
गूगल के उदाहरण में, आप रोजमर्रा के रोबोट प्रोटोटाइप में से एक को बता सकते हैं, ‘मैंने अपना पानी गिरा दिया, क्या आप मदद कर सकते हैं?’ रोबोट इस निर्देश को संभावित क्रियाओं की एक आंतरिक सूची के माध्यम से फिल्टर करता है और इसे ‘रसोई से स्पंज ले कर आओ’ के रूप में व्याख्या करता है।
गूगल ने परिणामी प्रणाली पाल्म-सैकेन को डब किया है, यह नाम कैप्चर करता है कि कैसे मॉडल एलएलएम (‘सै’) की भाषा समझने के कौशल को अपने रोबोटों के ‘अफोर्डेस ग्राउंडिंग’ के साथ जोड़ता है।
गूगल ने कहा कि पाल्म-सैकेन को अपने रोबोटों में एकीकृत कर बॉट 101 उपयोगकर्ता-निर्देशों के 84 प्रतिशत समय के लिए सही प्रतिक्रियाओं की योजना बनाने में सक्षम थे और 74 प्रतिशत समय सफलतापूर्वक निष्पादित किया।