नई दिल्ली, 2 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- कश्मीरी पंडित, लेखक और फिल्म निर्माता आशीष कौल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद और अन्य गड़बड़ियों का सामना सबसे पहले महिलाएं ही करती हैं। आशीष कौल को अचीवर्स फोरम की ओर से ‘मैन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। अचीवर्स फोरम का मानना है कि अब समय आ गया है कि सरकार जम्मू-कश्मीर की महिलाओं के साथ सीधा संवाद शुरू करे। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “यह एक मातृसत्तात्मक समाज है जो सदियों से कई महिलाओं को प्राप्त करने का दावा करता है चाहे वह सैन्य कमांडर या सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ हों। अधिकांश घरों में, उस राज्य की महिलाएं सुनिश्चित करती हैं कि बच्चों को समान अवसर मिले और किसी भी चीज से वंचित न रहे।”
‘रिफ्यूजी कैंप’, ‘डिड्डा द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर’ और ‘रक्त गुलाब’ सहित पुस्तकों के लेखक ने कहा, ” राज्य के 10,000 सालों के सामूहिक इतिहास को सत्ता में बैठे लोगों या खंडित जनादेश प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा सही ठहराया गया है। मीडिया और मनोरंजन और एफएमसीजी क्षेत्रों में दो दशकों से ज्यादा के अनुभव के साथ एक बिजनेस लीडर कौल ने कहा, “किसी भी सफल अर्थव्यवस्था का आधार महिलाओं की स्थिति है- चाहे वह यूरोप हो या अमेरिका।”
यह पुरस्कार उन्हें मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान और जम्मू-कश्मीर की गौरवशाली महिलाओं की खोई हुई विरासत को फिर से बनाने के लिए दिया गया है। उनकी परियोजना, जिसका शीर्षक ‘प्रोजेक्ट स्त्रीदेश- जम्मू और कश्मीर की भूली-बिसरी महिलाएं’ है, जो अविभाजित जम्मू-कश्मीर के 5000 से ज्यादा वर्षों के इतिहास का पहला समेकित खाता है, जिसमें एक शोध फिल्म और एक शोध मोनोग्राफ शामिल है। फिल्म ‘स्त्रीदेश’ इस साल की शुरूआत में महिला दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी सेंटर फॉर द आर्ट्स (आईजीएनसीए) द्वारा रिलीज की गई थी।