वर्धा (महाराष्ट्र), 14 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी शहर में पुलिस ने एक निजी प्रसूति अस्पताल के परिसर में अवैध रूप से गर्भपात कराए गए भ्रूणों के एक कब्रिस्तान का पता लगाया है जो एक गुप्त और अवैध गर्भपात के बड़े रैकेट की ओर संकेत देता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। यह नृशंस खुलासा एक 13 वर्षीय लड़की के अवैध गर्भपात की जांच के दौरान हुआ जो पास के रहने वाले एक 17 वर्षीय लड़के के साथ कथित संबंध के बाद गर्भवती हो गई थी।
जांच के दौरान पुलिस इस निजी कदम अस्पताल के परिसर तक पहुंच गई और उसे वहां एक बायोगैस संयंत्र में एक दर्जन खोपड़ियाँ और अवैध रूप से गर्भपात किए गए भ्रूणों की चार दर्जन से अधिक हड्डियाँ मिलीं।
पुलिस ने वहां से दागदार कपड़े, बैग, खुदाई के लिए इस्तेमाल किए गए कुछ फावड़े और वहां फेंके गए अन्य साक्ष्य भी बरामद किए हैं जिन्हें एकत्र कर फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है।
महिला जांच अधिकारियों की टीम की सहायक पुलिस निरीक्षक वंदना सोनूने और पुलिस उप-निरीक्षक ज्योत्सना के अनुसार, अरवी पुलिस को 4 जनवरी की इस मामले में एक गुमनाम सूचना मिली थी।
इस टीम ने अपने स्थानीय स्रोतों से जानकारी के आधार पर छानबीन की और अंत में नाबालिग लड़की का पता लगाकर उसके माता-पिता से पूरी जानकारी हासिल की जिन्हें लड़के के परिवार द्वारा चुप रहने की धमकी दी गई थी।
सहायक पुालिस निरीक्षक सोनुने ने आईएएनएस को बताया हमने उनसे बातचीत की और पूरा आश्वासन दिया कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी। आखिरकार वे लड़की के अवैध गर्भपात के पांच दिन बाद इस मामले में नौ जनवरी को पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सहमत हो गए।
इस शिकायत के आधार पर एक पुलिस टीम ने कदम अस्पताल पर छापा मारा और इसकी निदेशक, 43 वर्षीय डॉ रेखा नीरज कदम और 38 वर्षीय नर्स संगीत काले को गिरफ्तार किया, जिसने इस काम में मदद की थी और और 30,000 रुपये वसूले थे।
पुलिस ने लड़के के माता-पिता – 42 वर्षीय कृष्णा सहे और 40 वर्षीय उसकी पत्नी नल्लू को भी धर दबोचा जिन्होंने नाबालिग लड़की को गर्भपात के लिए मजबूर करने और उसके परिवार को इसके बारे में बात करने पर गंभीर परिणाम भुगतने के लिए धमकाया था।
इन चारों आरोपियों को इस सप्ताह दो दिनों के लिए पुलिस ने रिमांड पर लेकर जब उनसे पूछताछ की तो उन्होंने सब बता दिया और इसके बाद उन्हें बायोगैस संयंत्र और उसके आसपास ले गई जहां दफन भ्रूणों के इस अवैध ‘कब्रिस्तान’ का पता चला था।
एपीआई सोनुने ने कहा, यह बेहद गंभीर है। हमें संदेह है कि इसके बड़े परिणाम हो सकते हैं।
यहां ‘बेटी बचाओ’ अभियान की 2012 में अगुवाई करने वाले पुणे के जाने-माने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गणेश रख ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह कदम अस्पताल में चलाए जा रहे कन्या भ्रूण हत्या रैकेट हो सकता है।
शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने कहा: महा विकास अघाड़ी सरकार को इसका कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। मैं गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल और पुलिस महानिदेशक संजय पांडे से अनुरोध करता हूं कि एक विशेष जांच दल गठित करें और इन संदिग्ध गतिविधियों की जड़ तक पहुंचें।
एक स्थानीय डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, वहां अवैध गर्भपात, प्रतिबंधित लिंग-निर्धारण परीक्षण और यहां तक कि कन्या भ्रूण हत्या जैसी कथित रूप से अस्पष्ट गतिविधियों की गुपचुप जानकारी तो सबको थी लेकिन किसी ने भी इसके बारे में शिकायत करने या इसके बारे में खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं की।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. सुहास पिंगले ने कहा: आईएमए चिकित्सा पेशे और प्रैक्टिस में गुणवत्ता, सुरक्षा और नैतिकता में विश्वास करता है। इस मामले में, कानून को अपना काम करना चाहिए।