हुबली, (कर्नाटक), 21 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- कर्नाटक में हुबली हिंसा की जांच में दंगाइयों द्वारा पुलिसकर्मियों को मारने की कोशिश का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने गुरुवार को कहा कि हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 126 हो गई है।
कसाबा पुलिस थाने के कांस्टेबल अनिल कांडेकर और मंजूनाथ ने अपनी शिकायत में कहा है कि दंगाइयों ने उनपर हमला करने की कोशिश की, जिसमें वह बाल-बाल बचे।
शनिवार की रात हिंसा के दौरान पथराव किया गया। वाहनों को आग लगा दी गई। इस बीच जब दंगाइयों को रोकने की कोशिश की गई तो उन्होंने उल्टा पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।
कांस्टेबल इस हमले से जैसे-तैसे जान बचाकर भागे। हिंसा के आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों ने अभियान को तेज कर दिया है। अब तक 126 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन अभी भी मौलवी वसीम पठान की तलाश जारी है।
इस बीच, जेएमएफसी अदालत ने आरोपी युवक अभिषेक हिरेमठ को 22 अप्रैल से शुरू होने वाली दूसरी पीयूसी परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दे दी है। उसे सुरक्षा घेरे में परीक्षा केंद्र ले जाया जाएगा। पढ़ने के लिए जेल में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं।
इस घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने आरएसएस, विहिप और सनातन संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर लोग शांति से नहीं रहते हैं, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कर्नाटक पुलिस ने शहर में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हुबली शहर में कर्फ्यू को 23 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।
सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के बाद शनिवार देर रात हुबली में हिंसा भड़की। जिसे रोकने के लिए पुलिस विभाग को अपनी पूरी ताकत लगानी पड़ी। इस दौरान 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए। हिंसक भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों को आग लगा दी।