हुंडई मोटर इंडिया

हुंडई मोटर इंडिया रिकॉर्ड आईपीओ के बाद शेयर बाजार में प्रवेश के लिए तैयार

नई दिल्ली/सोल,21 अक्टूबर (युआईटीवी)- हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है। 3.3 अरब डॉलर के आईपीओ सब्सक्रिप्शन के बाद, कंपनी के शेयरों का कारोबार मंगलवार से भारतीय शेयर बाजार में शुरू होगा। यह दक्षिण कोरिया के बाहर हुंडई मोटर की पहली लिस्टिंग है और इसे भारतीय बाजार के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा है।

इस आईपीओ ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा 2022 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। एलआईसी ने 2.5 अरब डॉलर जुटाए थे,जबकि हुंडई मोटर ने इस बार 3.3 अरब डॉलर का आईपीओ लॉन्च किया है। विदेशी कंपनियों के लिए भारत में यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो भारतीय निवेशकों के मध्य बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से एक ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) है, जिसका मतलब है कि इस प्रक्रिया से प्राप्त होने वाली पूरी आय प्रमोटर को जाएगी। शेयर का मूल्य बैंड 1,865 से 1,960 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है और इस आईपीओ के सफल होने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में हुंडई मोटर इंडिया पहले से ही एक मजबूत उपस्थिति रखती है। योनहाप समाचार एजेंसी के रिपोर्ट के मुताबिक, हुंडई ने पिछले साल भारत में 765,000 वाहनों का उत्पादन किया था। कंपनी भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी के बाद दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है।

हुंडई के लिए भारत केवल एक बड़ा बाजार ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण वैश्विक उत्पादन केंद्र भी है। 2022 में कंपनी ने भारत में 765,000 वाहनों का उत्पादन किया था। भारत में हुंडई की स्थिति को देखते हुए, यह आईपीओ न केवल कंपनी की वित्तीय मजबूती को दिखाता है, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने का संकेत भी देता है।

हुंडई मोटर इंडिया ने हाल के वर्षों में भारत में निवेश बढ़ाया है, जो इसे अन्य विदेशी कंपनियों से अलग करता है। उदाहरण के तौर पर, पिछले साल हुंडई ने पुणे में जनरल मोटर्स का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट अधिग्रहित किया था, जिसका उद्देश्य भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है। कंपनी की योजना है कि जब यह प्लांट पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो वह सालाना 2 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन कर सकेगी। साथ ही, चेन्नई और पुणे दोनों प्लांट्स को मिलाकर कंपनी की संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 लाख इकाइयों तक पहुंच जाएगी।

इसके अलावा, हुंडई मोटर इंडिया ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की दिशा में भी बड़ी योजनाएं बनाई हैं। कंपनी की योजना है कि 2030 तक भारत में 485 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी, जिससे देश में ईवी उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। हुंडई ने अपनी सहयोगी कंपनी किआ कॉर्प के साथ मिलकर भारतीय बैटरी निर्माता एक्साइड एनर्जी के साथ भी एक रणनीतिक साझेदारी की है, जो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हुंडई मोटर का यह कदम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में उनकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और भारत को एक प्रमुख उत्पादन और निवेश केंद्र बनाने की उनकी रणनीति को दर्शाता है।