कराची,18 फरवरी (युआईटीवी)- कराची के नेशनल स्टेडियम का एक वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। इस वीडियो में आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भाग लेने वाले देशों के झंडे दिखाए गए हैं,लेकिन भारतीय ध्वज तिरंगा कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की आलोचना शुरू हो गई। विवाद इस कारण उत्पन्न हुआ क्योंकि वीडियो में यह दिखाया गया था कि भारतीय ध्वज का अभाव था,जबकि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का भी भाग लेना तय है। इसके बाद पीसीबी को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं, जिनमें यह भी पूछा जा रहा था कि क्या पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय झंडे को नजरअंदाज किया है।
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान द्वारा 19 फरवरी से किया जाना है और इस टूर्नामेंट में कई देशों की टीमें भाग लेंगी,लेकिन भारतीय ध्वज के स्टेडियम में न होने को लेकर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की कड़ी आलोचना हो रही है। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान में सुरक्षा कारणों और दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के चलते पाकिस्तान में मैच खेलने से इंकार कर दिया था। भारत के इस निर्णय के बाद पीसीबी ने कहा कि वह इस मामले को बहुत गंभीरता से नहीं ले रहे हैं,क्योंकि यह विवाद बिना किसी ठोस तथ्य के खड़ा किया गया है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि, “भारत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान अपने मैच पाकिस्तान में नहीं खेलने आ रहा है,इसके बावजूद कराची,लाहौर और रावलपिंडी में उन देशों के झंडे फहराए गए हैं, जो पाकिस्तान में मैच खेलने वाले हैं।” इसके बाद सूत्र ने यह भी बताया कि भारत का मैच दुबई में खेला जाएगा और बांग्लादेश की टीम भी पाकिस्तान में मैच खेलने के लिए अभी तक नहीं पहुँची है,जबकि वह अपने पहले मैच को दुबई में भारत के खिलाफ खेलेगी। इसलिए बांग्लादेश के झंडे भी स्टेडियम में नहीं लगाए गए हैं। सूत्र ने यह भी कहा कि भारतीय झंडे को जानबूझकर हटाए जाने की बात पूरी तरह से निराधार है और इस पर कोई आधिकारिक बयान देने की आवश्यकता नहीं है।
सूत्र ने इस विवाद को “बिना तथ्यों के” बताया और इसे पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुँचाने के प्रयास के रूप में देखा। पीसीबी के मुताबिक,पाकिस्तान में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों के दौरान स्टेडियमों में जिन देशों के मुकाबले होने हैं, उनके झंडे ही फहराए गए हैं और यह पूरी तरह से सही प्रक्रिया थी। इस विवाद का मुख्य कारण यह भी हो सकता है कि भारत के पाकिस्तान में मैच खेलने से इंकार करने के बाद यह माना जा रहा था कि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय ध्वज को अनदेखा किया।
इसके साथ ही,पाकिस्तान के विभिन्न शहरों जैसे कराची, लाहौर और रावलपिंडी में चैंपियंस ट्रॉफी के प्रचार के लिए कई बैनर लगाए गए हैं,जिनमें भारत समेत सभी भाग लेने वाले देशों के कप्तानों की तस्वीरें दिखाई गई हैं। इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान में होने वाले टूर्नामेंट के दौरान सभी देशों को सम्मान देने की कोशिश की गई है और किसी भी तरह की पक्षपाती कार्रवाई नहीं की गई है।
यह मामला भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए अधिक संवेदनशील बन गया है, खासकर इस समय जब दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में तनाव चल रहा है। भारत ने पाकिस्तान में मैच खेलने से इंकार किया,जिसके बाद आईसीसी को हाइब्रिड मॉडल अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मॉडल के तहत भारतीय टीम के सभी मैच दुबई में खेले जाएँगे,जबकि बाकी देशों के मैच पाकिस्तान में होंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव के कारण क्रिकेट संबंधों में यह खटास बढ़ी है और इसका असर इस तरह के विवादों में भी नजर आता है।
पाकिस्तान के लिए यह टूर्नामेंट बहुत महत्वपूर्ण है,क्योंकि 1996 के विश्व कप के बाद पहली बार पाकिस्तान किसी प्रमुख आईसीसी इवेंट की मेज़बानी कर रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के आठ साल बाद यह टूर्नामेंट हो रहा है और पाकिस्तान के लिए यह अपने क्रिकेट की छवि को दुनिया भर में सुधारने का एक मौका है। पाकिस्तान ने पिछली बार 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और अब वह अपनी मेज़बानी में इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है।
पीसीबी की ओर से यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान में मैचों के दौरान किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया जाएगा और सभी देशों के झंडे समान रूप से फहराए जाएँगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी भागीदार देशों को सम्मान दिया जाए, चाहे वे भारत हों,बांग्लादेश हों या अन्य देश।
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं है,बल्कि यह दोनों देशों के बीच राजनीतिक,सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। दोनों देशों के बीच तनाव और क्रिकेट के मामलों में राजनीति का मिश्रण अब खेल के साथ-साथ समाज और राष्ट्रों के बीच रिश्तों को भी प्रभावित करता है।